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सेना में 89 ऐप पर प्रतिबंध – फेसबुक अकाउंट बंद करो, या नौकरी छोड़ो, दिल्ली उच्च न्यायालय की लेफ्टिनेंट कर्नल को दो टूक

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नई दिल्ली. सेना द्वारा 89 एप पर प्रतिबंध लगाए जाने के मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय ने लेफ्टिनेंट कर्नल को राहत देने से इंकार कर दिया. साथ ही तल्ख टिप्पणी की. न्यायालय ने यहां तक कह दिया कि यदि वे फेसबुक नहीं छोड़ सकते तो नौकरी छोड़ दें. दिल्ली उच्च न्यायालय की दो सदस्यीय खंडपीठ ने लेफ्टिनेंट कर्नल द्वारा दायर याचिका पर कहा कि जब बात देश की सुरक्षा की हो तो वहां किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं बरती जा सकती.

उच्च न्यायालय ने सेना के वरिष्ठ अधिकारी को अंतरिम राहत देने से इनकार करते हुए कहा कि या तो संगठन के आदेश का पालन कीजिए या इस्तीफा दे दीजिए. लेफ्टिनेंट कर्नल पी. के. चौधरी ने हाल ही में फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसी सोशल नेटवर्किंग साइट का इस्तेमाल सशस्त्र बल के कर्मियों के लिए प्रतिबंधित करने को चुनौती दी है.

लेफ्टिनेंट कर्नल ने सेना के आदेश के खिलाफ न्यायालय में दलील दी थी कि जब अकाउंट बंद कर देंगे तो उनके फेसबुक अकाउंट में सभी डेटा, संपर्क और दोस्तों से संपर्क टूट जाएगा, जिसे फिर बहाल करना मुश्किल होगा. इस पर पीठ ने कहा, ‘नहीं, नहीं. माफ कीजिएगा. आप कृपया इसे बंद कीजिए. आप कभी भी नया अकाउंट बना सकते हैं. ऐसे नहीं चलता है. आप एक संगठन का हिस्सा हैं. आपको इसके आदेशों को मानना होगा.’

उच्च न्यायालय ने कहा कि सैन्यकर्मियों के लिए सोशल नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल प्रतिबंधित करने का निर्णय देश की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए किया गया है. आप बाद में नया सोशल मीडिया अकाउंट बना सकते हैं. न्यायमूर्ति राजीव सहाय और न्यायमूर्ति आशा मेनन की पीठ ने कहा कि याचिका पर विचार करने का जब एक भी कारण नहीं मिला है ‘तो अंतरिम राहत देने का सवाल ही नहीं उठता है.’  पीठ ने कहा कि, ‘खासकर तब जब मामला देश की सुरक्षा से जुड़ा हुआ है.’
न्यायालय की दो सदस्यीय खंडपीठ ने कहा, ‘अगर आपको फेसबुक ज्यादा पसंद है तो इस्तीफा दे दीजिए. देखिए, आपके पास विकल्प है, आप चाहे जो करें. आपके पास दूसरे विकल्प भी हैं.’

भारतीय सेना ने फेसबुक, इंस्टाग्राम सहित 89 अन्य ऐप की लिस्ट जारी करते हुए अपने सभी कर्मियों को आदेश दिया था कि वे सारे अकाउंट बंद कर इन ऐप्स को अपने-अपने फोन से डिलीट करें.

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