आगरा (विसंकें). विश्व हिन्दू परिषद आगरा महानगर के उपाध्यक्ष अरुण माहौर की हत्या के विरोध तथा दिवंगत को श्रद्धांजलि देने के लिए 28 फरवरी को श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया. सभा का आयोजन रामलीला मैदान जयपुर हाउस में किया गया.
इससे पूर्व विहिप के अंतर्राष्ट्रीय संयुक्त महामंत्री डॉ. सुरेंद्र जैन ने प्रेस वार्ता में कहा कि 25 फरवरी 2016 को मंटोला क्षेत्र में विहिप के महानगर उपाध्यक्ष अरुण माहौर की एक समुदाय विशेष के लोगों ने कायरतापूर्ण ढंग से मंदिर से लौटते समय गोली मारकर निर्मम हत्या कर दी. मंटोला क्षेत्र में हिन्दुओं के पलायन में बाधक बन रहे अरुण जी की हत्या की गई. यह क्षेत्र मुस्लिम बाहुल्य है, इसमें हो रही गौकशी को लेकर बजरंग दल कार्यकर्ताओं द्वारा समय-समय पर पुलिस प्रशासन को सूचना देकर गौकशों को पकड़वाना भी हत्या का एक कारण है. इससे पूर्व भी विहिप व बजरंग दल के कार्यकर्ताओं पर कई बार प्राण घातक हमले हुए हैं. डॉ. सुरेंद्र जैन ने बताया कि आगरा में गौकशी को लेकर थाना मंटोला-39, शाहगंज-37, लोहामंडी-36, जगदीशपुरा-38, सदर-13, ताजगंज-24, सिकंदरा-11, हरीपर्वत-8, नाई की मंडी-38 आदि अनेक मुकदमे विभिन्न थानों में नामदर्ज हैं, किन्तु पुलिस द्वारा आज तक इन मामलों में सख्ती से कोई कार्यवाही नहीं की गई. जिसके कारण समय-समय पर बजरंग दल के कार्यकर्ताओं पर हमले होते रहे, लेकिन पुलिस प्रशासन इन हमलों को लेकर भी कभी गंभीर नहीं रहा, जिनके कारण गौकशों के हौसले बुलंद हैं.
डॉ. सुरेंद्र जैन ने कहा कि आज से तीन वर्ष पूर्व बारम्फ्वात के जुलूस में समुदाय के लोगों ने जो 37 ट्रकों में आग लगाई, उनमें कितनों के खिलाफ पुलिस प्रशासन द्वारा रिपोर्ट दर्ज की गई और कितने गिरफ्तार किये गए. लेकिन आज शहर में तनाव के नाम पर पुलिस प्रशासन हमारे कार्यकर्ताओं पर मुकदमे दर्ज कर रहा है. मुझे ज्ञात हुआ है कि आगरा पुलिस ने 27 फरवरी को शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने के दौरान 6 कार्यकर्ताओं पर मुकदमा दर्ज किया है, यह एकतरफा कार्यवाही पुलिस की नाकामी का सबूत है. जिस कारण हिन्दू समाज की आवाज को दबाने का भी प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि जब से प्रदेश में सपा सरकार आई है, हिन्दुओं पर लगातार हमले हो रहे हैं. प्रदेश सरकार वोटों की खातिर समुदाय विशेष को हिन्दुओं पर हमले करने की छूट दे रही है. जिसे हिन्दू समाज बर्दाश्त नहीं करेगा. उदाहरण के लिये मथुरा के हतिया गांव में जब पुलिस एक समुदाय विशेष के व्यक्ति को गिरफ्तार करने जाती है तो वहां समुदाय द्वारा सिपाही की हत्या कर दी जाती है, वहीं कुंडा में दबिश के दौरान गोली लगने से सीओ की हत्या होती है तो प्रदेश सरकार वोटों के प्रेम में नया इतिहास लिखती है, वहीं सिपाही का परिवार मुआवजे को लेकर भूख हड़ताल पर बैठता है.
डॉ. जैन ने कहा कि दादरी के अंदर घर में गौकशी होने पर हत्या होती है तो प्रदेश सरकार उसके परिवार को 45 लाख रुपए, दो लोगों को नौकरी व हवाई जहाज से लखनऊ बुलाकर 4 फ्लैट देती है. मैं प्रदेश सरकार से पूछना चाहता हूं कि व्यक्ति-व्यक्ति में भेद क्यों. आगरा में जिस तरीके से अरुण माहौर की हत्या की गई, हम प्रदेश सरकार से मांग करते हैं कि उनके परिवार को 50 लाख रुपए, व उनके बच्चों को नौकरी, रहने के लिये मकान दिए जाएं, क्योंकि अरुण माहौर का परिवार गरीब है तथा बच्चे नाबालिग हैं.