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सामाजिक समरसता व समन्वय से ही समाज शक्तिशाली और संगठित होगा

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देहरादून (विसंकें). रविवार को गोपेश्वर, चमोली में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ चमोली की विभिन्न शाखाओं के स्वयंसेवकों का बद्रीश स्वयंसेवक समागम का गोपेश्वर के पुलिस मैदान में सम्पन्न हुआ.

मुख्य वक्ता प्रांत प्रचारक युद्धवीर जी ने कहा कि सामाजिक समरसता व समन्वय से ही समाज शक्तिशाली और संगठित होगा, तभी भारत विश्व गुरू बनेगा. यही कार्य संघ विगत 92 वर्षों से शाखा के माध्यम से कर रहा है. दैनिक एक घण्टे की शाखा में अनुशासन से युक्त स्वयंसेवक बनाकर संघ चरित्र निर्माण के माध्यम से सशक्त राष्ट्र निर्माण में निरंतर लगा है. हम वृक्ष लगाकर उन्हें अपने बच्चों की तरह पालें ताकि पर्यावरण का संरक्षण हो. आज कार्यक्रम में आए सभी स्वयंसेवक सकंल्प लें कि अपने से प्रारम्भ कर समाज में फैले विभिन्न प्रकार के नशों से समाज को नशामुक्त करेंगे.

बद्रीश स्वयंसेवक समागम के अध्यक्ष पूर्व मुख्य वन संरक्षक डॉ. आर.वी.एस. रावत जी ने अंतरराष्ट्रीय पृथ्वी दिवस की शुभकामनाएं दीं. उन्होंने हिमालय भारत का सिरमौर है, यह हम सबके जीवन का आधार है. संघ के स्वयंसेवकों ने हरेला जैसे पारंपरिक पर्व को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाकर पर्यावरण के संरक्षण का दायित्व निभाया है. प्राकृतिक आपदाओं तथा युद्ध के समय सैनिकों को सहयोग करने में संघ की महत्वपूर्ण भूमिका रही है, यह प्रशंसनीय है.

समाज की विशिष्ट हस्तियों को साहित्य भेंट कर सम्मानित किया गया. इनमें गुरूद्वारा गोविन्दघाट के प्रबन्धक सरदार सेवा सिंह जी, अवकाश प्राप्त कर्नल डी.एस. झिंक्वाण जी, कर्नल वत्र्वाल जी उपस्थित थे.

प्रातः साढ़े नौ बजे सभी स्वयंसेवक पूर्ण गणवेश में कार्यक्रम स्थल पर एकत्रित हुए. कार्यक्रम में चमोली जिले के सीमांत क्षेत्र के अंतिम गांव नीति व माणा से भी स्वयंसेवक उपस्थित रहे. डुमक, कलगोठ व पल्ला, जखोला जैसे गांवों से 20 किमी. पैदल चलकर स्वयंसेवक कार्यक्रम में उपस्थित रहे. बौद्धिक के पश्चात पथ संचलन पुलिस सुरक्षा के मध्य पुलिस मैदान से मंदिर मार्ग होते हुए पुनः पुलिस मैदान में सम्पन्न हुआ.

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