कानपुर (विसंकें). कानपुर में लव जिहाद के बढ़ते मामलों को देखते हुए एसआईटी का गठन किया गया है. लव जिहाद के बढ़ते मामलों की सच्चाई का पता लगाने के लिये आईजी ने एसआईटी के गठन की घोषणा की थी. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इन मामलों की जांच में एक जानकारी सामने आ रही है कि हिन्दू युवतियों को अपने प्रेम जाल में फंसाने के लिए खूब पैसा खर्च किया जाता है. महंगे शौक पूरे करवाए जाते हैं. अगले चरण में ब्रेनवॉश कर निकाह और धर्म परिवर्तन किया जाता था.
कानपुर में दो माह में लव जिहाद के सात मामले सामने आए हैं. सभी मामलों में एक जैसी समानता देखने को मिली है. लड़कियों को अपने जाल में फंसाने के लिए आरोपियों ने जमकर पैसे उड़ाए थे. आरोपी महंगे रेस्तरां में खाना, फोर व्हीलर से घूमना, महंगे सिनेमा हॉल में मूवी देखना, मॉल में शॉपिंग करना और पिकनिक स्पॉट पर घूमने के दौरान लड़कियों के महंगे शौक पूरा करते थे
लव जिहाद का शिकार बनाने वाले युवकों को भरोसा हो जाता था कि युवती प्रेमजाल में आ चुकी है तो इसके बाद लड़कियों का ब्रेनवॉश करना शुरू करते थे. आरोपी धार्मिक बातों से ब्रेनवॉश करते थे. इसके बाद कथित रूप से धर्म परिवर्तन कराते थे.
कहां से आ रहा पैसा
कानपुर में लव जिहाद के पांच आरोपी एक ही कॉलोनी के रहने वाले हैं. दो आरोपी जाजमऊ के रहने वाले हैं. एसआईटी जांच में भी यह स्पष्ट हो चुका है कि सभी आरोपियों की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है. इसके बाद भी आरोपियों ने हीरोपंती के दौरान एक बड़ी रकम खर्च की थी. उनके पास इतना रुपया कहां से आया और लड़कियों के इतने महंगे शौक वे कैसे पूरे कर रहे थे, इसकी जांच हो रही है.
साथ ही पुलिस ने जब आरोपियों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए तो आरोपियों ने कानूनी लड़ाई के लिए इलाहाबाद के महंगे वकीलों को खड़ा कर दिया. फैसल के पिता एक फर्नीचर की शॉप में काम करते हैं. फैसल ने इलाहाबाद हाईकोर्ट से लेकर दिल्ली हाईकोर्ट तक महंगे वकील खड़े किए.
पनकी में दो सगी बहनों का धर्म परिवर्तन कराने वाले मोहसिन खान और आमिर को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा है. मोहसिन और आमिर गरीब परिवार से आते हैं. ये दोनों भी हीरोपंती से लेकर कानूनी पचड़े तक पानी की तरह पैसा बहा रहे हैं. इनकी भी पैरवी में महंगे वकील लगे हैं. इसी तरह कल्याणपुर की दो सगी बहनों को प्रेम जाल में फंसाकर धर्म परिवर्तन कराने वाले मोहम्मद शाहरुख पर भी आरोप हैं. जाजमऊ में आरिफ नाम का आरोपी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है, जबकि दूसरे आरोपी आदिल को जेल भेज दिया गया है.
सबसे बड़ा सवाल यह है कि आरोपियों की आर्थिक मदद कौन कर रहा है? इसके पीछे किसी संगठन का हाथ तो नहीं है. क्योंकि कथित लव जिहाद का शिकार हुई लड़कियों के परिवार और हिन्दू संगठन पहले ही आरोप लगा चुके हैं कि इसके पीछे एक संगठित गैंग काम कर रहा है.
हीरोपंती से लेकर कानूनी लड़ाई में आरोपियों की आर्थिक मदद कौन कर रहा है? आरोपियों को फंडिंग करने वाले की भी जांच की जा रही है.