उज्जैन. सावन माह के तीसरे सोमवार को बाबा महाकाल की नगरी में विश्व कीर्तिमान रचा गया. 1500 डमरू वादकों 10 मिनट तक एक साथ वादन कर विश्व कीर्तिमान बनाया. महाकालेश्वर मंदिर के महाकाल लोक स्थित रुद्रसागर के समीप शक्तिपथ पर 25 दलों के 1500 डमरू वादकों ने भस्म आरती की धुन पर डमरु वादन कर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया.
विश्व कीर्तिमान बनाने के लिए 1500 कलाकारों ने भगवान शिव के प्रिय वाद्य डमरू, झांझ मंजीरे की सुरमयी मंगल ध्वनि का वादन किया. समूची उज्जैन नगरी डमरू के नाद से गुंजायमान हो गई. 1500 वादकों ने डमरू वादन कर फेडरेशन ऑफ इंडियन एसोसिएशन न्यूयॉर्क के 488 डमरू वादन का रिकॉर्ड तोड़ा.
सावन माह में उज्जैन में हर सोमवार को बाबा महाकाल की सवारी निकलती है. यह सवारी धीरे-धीरे भव्य और दिव्य होती जा रही है. बाबा महाकाल की पिछली दो सवारी में जनजातीय लोकनृत्यों और 350 सदस्यीय पुलिस बैंड की प्रस्तुति हुई थी. तीसरे सोमवार को निकाली जाने वाली तीसरी सवारी में डमरू का वादन किया गया.
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गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के एडिटर ऋषिनाथ ने डमरू वादन के वर्ल्ड रिकॉर्ड का सर्टिफिकेट प्रदान किया. उज्जैन जिला प्रशासन और महाकाल प्रबंध समिति के प्रयासों से डमरू वादन का यह कार्यक्रम आयोजित हुआ. इस अवसर पर जनप्रतिनिधि, संतजन, गणमान्य नागरिक, व दर्शक उपस्थित रहे.
इसके लिए पूरे प्रदेश से डमरू वादक पिछले तीन दिनों से शक्ति पथ पर मेहनत कर रहे थे. महाकालेश्वर मंदिर की जनसंपर्क प्रभारी गोरी जोशी ने बताया कि भोपाल के डमरू वादक संस्कृति विभाग और भस्म मैया भक्त मंडली के साथ ही भोपाल, सागर, खंडवा, खजुराहो और जबलपुर के डमरू वादकों ने वादन किया.