झोटवाड़ा, जयपुर
फोन की घंटी बजी….फोन उठा कर कहा ‘जय श्रीराम..! कौन?’
दूसरी तरफ से आवाज आई ‘मैं शंकर सैन, नाई की दुकान चलाता हूँ. आप #श्रीराम मंदिर निधि समर्पण समिति के सदस्य हैं ना. आप मेरे घर आइये, मुझे भी निधि समर्पण करना है.’
कार्यकर्ताओं की टोली शंकर जी के घर पहुंची तो शंकर जी ने अभिवादन के पश्चात अपनी मां से परिचय करवाया. माता जी बहुत प्रसन्नता से कहने लगीं – ‘मेरा सौभाग्य है कि मेरे जीवनकाल में भगवान का मंदिर बन रहा है’…
तब तक शंकर सैन जी #श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए 5100 रु लेकर आ गए और बड़े प्रेम से कहने लगे ‘मां की बड़ी इच्छा थी निधि समर्पण की. मैंने कहा – कोई टोली घर पर जरूर आएगी. पर, माँ कहने लगी क्या पता इतना घरों में जाना है उन लोगों को, तू फोन करके आज ही बुला ले…’ राशि आगे बढ़ाते हुए बोले, मेरी माताजी की तरफ से यह #श्रीराम के नाम स्वीकार कीजिये.