नई दिल्ली. आतंकियों की रीढ़ पर प्रहार करते हुए एनआईए और ईडी ने तमिलनाडु, केरल सहित 15 राज्यों में PFI के ठिकानों पर छापेमारी की. एनआईए के अनुसार, छापेमारी के दौरान 45 लोगों को गिरफ्तार किया है. एनआईए ने केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, बिहार, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, असम, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में छापेमारी को अंजाम दिया. पीएफआई और उससे जुड़े लोगों की प्रशिक्षण गतिविधियों, टेरर फंडिंग के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है.
NIA searches and arrests across India, in five cases. pic.twitter.com/IhDGYlZISE
— NIA India (@NIA_India) September 22, 2022
अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार, NIA ने 15 राज्यों में 93 स्थानों पर छापा मारा. केरल-39, तमिलनाडु-16, कर्नाटक-12, आंध्र प्रदेश-7, तेलंगाना-1, उत्तर प्रदेश-2, राजस्थान-4, दिल्ली-2, असम-1, मध्य प्रदेश-1, महाराष्ट्र-4, गोवा-1, पश्चिम बंगाल-1, बिहार-1 और मणिपुर में 1 स्थान पर छापा मारा. NIA के करीब 300 अधिकारी तलाशी अभियान में शामिल रहे.
NIA और ED ने मलप्पुरम जिले के मंजेरी में पीएफआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष OMA सलाम के अलावा PFI के दिल्ली हेड परवेज अहमद के घर पर छापेमारी की और गिरफ्तार कर लिया. इस दौरान PFI कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया.
पीएफआई के राष्ट्रीय, राज्य और स्थानीय स्तर के नेताओं के घरों पर छापेमारी की गई. राज्य कार्यालय पर भी छापेमारी की जा रही है.
एनआईए की टीम ने तमिलनाडु के डिंडीगुल जिले में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पार्टी कार्यालय पर छापेमारी की.
असम पुलिस ने राज्य भर में पीएफआई से जुड़े नौ लोगों को हिरासत में लिया है. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि, कल रात असम पुलिस और एनआईए ने संयुक्त रूप से गुवाहाटी के हाटीगांव इलाके में अभियान चलाया और पीएफआई से जुड़े राज्य भर में 9 लोगों को हिरासत में लिया.
मध्यप्रदेश के इंदौर और उज्जैन में एनआइए ने पीएफआइ के ठिकानों पर मारा छापा है.
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ सहित पूर्वांचल और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में यूपीएटीएस व एनआईए की छापेमारी में दो संदिग्धों को लखनऊ से हिरासत में लिया गया है.
बिहार के पूर्णिया में राष्ट्रीय जांच एजेंसी एएनआई, PFI कार्यालय में तलाशी ले रही है.
नासिक में एनआईए और ईडी ने PFI के ठिकानों पर छापेमारी की. इसी कड़ी में PFI नेता सैफुर रहमान को मेडिकल के लिए सिविल अस्पताल लाया गया. ATS एसपी संदीप खाड़े ने बताया कि महाराष्ट्र में भी PFI कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया है. हमें सूचना मिली थी कि PFI के कुछ कार्यकर्ता देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त हैं.
पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया(PFI) क्या है?
पॉपुलर फ्रट ऑफ इंडिया यानि पीएफआई का गठन 17 फरवरी 2007 को हुआ था. ये संगठन दक्षिण भारत में तीन मुस्लिम संगठनों का विलय करके बना था. इनमें केरल का नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट, कर्नाटक फोरम फॉर डिग्निटी और तमिलनाडु का मनिथा नीति पसराई शामिल थे. पीएफआई का दावा है कि इस वक्त देश के 23 राज्यों में यह संगठन सक्रिय है. देश में स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट यानि सिमी पर बैन लगने के बाद पीएफआई का विस्तार तेजी से हुआ है. कर्नाटक, केरल जैसे दक्षिण भारतीय राज्यों में इस संगठन की काफी पकड़ बताई जाती है. इसकी कई शाखाएं भी हैं. इसमें महिलाओं के लिए- नेशनल वीमेंस फ्रंट और विद्यार्थियों के लिए कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया जैसे संगठन शामिल हैं. यहां तक कि राजनीतिक पार्टियां चुनाव के वक्त एक दूसरे पर मुस्लिम मतदाताओं का समर्थन पाने के लिए पीएफआई की मदद लेने का भी आरोप लगाती हैं. गठन के बाद से ही पीएफआई पर समाज विरोधी और देश विरोधी गतिविधियां करने के आरोप लगते रहते हैं.
18 सितंबर को भी हुई थी छापेमारी
बता दें कि इससे पहले एनआईए की टीम ने 18 सितंबर को भी तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के 40 ठिकानों पर छापेमारी की थी. इस दौरान चार लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई. इनमें तेलंगाना-आंध्र के दो-दो लोग शामिल थे. बताया जा रहा है कि दोनों राज्यों में 23 से ज्यादा टीमें तलाशी अभियान चला रही हैं.