जनता ने सामूहिक बंद के माध्यम से जताया विरोध
अलवर. मूक बधिर नाबालिग दुष्कर्म प्रकरण से जुड़े साक्ष्य मिटाने के विरोध में शनिवार को अलवर बंद रहा. जनता के आक्रोश के प्रति राज्य सरकार के प्रतिनिधि असंवेदनशील दिखे. कैबिनेट मंत्री टीकाराम जूली, अलवर कलेक्टर नन्नूमल पहाड़िया तथा एसपी तेजस्वनी गौतम सरिस्का बफर जोन की सफारी में व्यस्त रहे. जबकि, इसी समय जीडी कॉलेज में छात्राएं सांकेतिक फांसी के माध्यम से मूक बधिर बालिका के अपराधियों को कठोर दंड देने की मांग कर रही थीं. इन छात्राओं के समर्थन में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता भी उपस्थित थे.
मूकबधिर बालिका पर हुए अत्याचार तथा प्रशासन द्वारा घटना पर लीपापोती के विरोध में शनिवार को पूरे अलवर जिले में बंद रखा गया. सर्वसमाज के आह्वान पर हजारों दुकानें व प्रतिष्ठान स्वेच्छा से बंद रहे. इससे पूर्व कैंडल मार्च निकाला गया तथा अधिकारियों से आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गई.
राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी जताई चिंता
अलवर प्रकरण के साक्ष्य मिटाने के संदेह पर राष्ट्रीय महिला आयोग भी चिंतित दिखा. आयोग की अध्यक्षा रेखा शर्मा ने ट्वीट कर जिम्मेदार अधिकारियों के प्रति रोष जताया. उन्होंने कहा कि ऐसे भीषण मामले में साक्ष्य मिटाने के लिए संबंधित अधिकारियों पर एफआईआर होनी चाहिए.