अमरावती. फार्मासिस्ट उमेश कोल्हे हत्याकांड मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने बड़ा खुलासा किया है. NIA ने दावा किया कि पैगंबर मोहम्मद के कथित अपमान का बदला लेने के लिए तब्लीगी जमात के कट्टरपंथियों ने उमेश कोल्हे की हत्या की थी. विशेष अदालत के सामने 11 आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है, जिन्हें पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है. आरोपियों के खिलाफ भारतीय दण्ड संहिता की धारा 120बी, 302, 341, 153ए, 201 और 506 के तहत मामला दर्ज किया गया है.
इस मामले पर उमेश कोल्हे के भाई महेश कोल्हे ने मीडिया से बातचीत में कहा कि NIA ने अब तक जो जांच की है, उससे हम संतुष्ट हैं. इस मामले में एनआईए ने हर एंगल से जांच की है.
NIA ने इस केस को लेकर कोर्ट में दाखिल आरोपपत्र में कहा है कि ‘जांच में पता चला है कि तब्लीगी जमात के कट्टरपंथियों ने कथित रूप से धार्मिक भावनाओं को आहत करने, विभिन्न जातियों और धर्मों-विशेष रूप से भारत में हिन्दुओं और मुसलमानों के बीच दुश्मनी, दुर्भावना और नफरत को बढ़ावा देने के लिए उमेश कोल्हे की हत्या की.’
चार्जशीट में कहा गया है कि अमरावती हत्याकांड से सिर्फ अमरावती ही नहीं, बल्कि पूरे देश में शांति भंग हुई. इस हत्या के कारण विभिन्न इलाकों में दंगे हुए थे. इन दंगों के बाद लोगों को उनकी नौकरी छोड़ने के लिए धमकाया गया. अपनी सुरक्षा के चलते कई लोग घरों में छिप गए थे. जांच एजेंसी ने कहा कि इस तरह की आतंकवादी कार्रवाई ने भारत की अखंडता और दृढ़ता पर सवाल उठाया है. इसे कट्टरपंथी लोगों के एक गिरोह द्वारा आतंक का कृत्य बताया है. उमेश कोल्हे की हत्या धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आधार पर की गई थी.