श्रीनगर. जम्मू कश्मीर, विशेषकर कश्मीर घाटी की आबोहवा में परिवर्तन देखने को मिल रहा है. इसकी एक बानगी स्वतंत्रता दिवस समारोहों के दौरान भी दखने को मिली. देश के अन्य भागों की तरह कश्मीर में भी स्वतंत्रता दिवस उत्साह के साथ मनाया गया. ध्वजारोहण के लगभग 6.61 लाख सरकारी, गैर सरकारी और निजी समारोह हुए और वह भी कश्मीर में, जहां कुछ वर्ष पहले तक तिरंगा सिर्फ किसी सरकारी इमारत पर ही नजर आता था. तिरंगा न कोई बेचता था और न कोई दर्जी उसे तैयार करता था. ऐतिहासिक लालचौक के घंटाघर पर तो पूरा दिन तिरंगा फहराने वालों में होड़ लगी रही. डल झील किनारे 7500 वर्ग फीट का राष्ट्रध्वज भी फहराया गया.
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने तिरंगा रैली का नेतृत्व कर माहौल तैयार किया, और घाटी के हर गली मोहल्ले में ध्वजारोहण और स्वतंत्रता दिवस समारोहों में बढ़-चढ़कर भाग लिया.
स्वतंत्रता दिवस पर कश्मीर में 30,519 सरकारी, 2,962 गैर सरकारी संस्थानों के अलावा 6,27,876 निजी घरों सहित 6,61,357 ध्वजारोहण समारोहों में 17,47,275 लोगों ने भाग लिया. दक्षिण कश्मीर में जवाहर सुरंग से लेकर उत्तरी कश्मीर में एलओसी के अंतिम छोर पर स्थित टंगडार तक हर जगह ध्वजारोहण हुआ. इससे पूर्व विभिन्न जगहों पर लोगों ने अपने-अपने घरों में भी तिरंगा लहराया.
कश्मीर के मंडलायुक्त पांडुरंग के पोले ने कहा कि हम जिसे बताते हैं कि यहां हर जगह तिरंगा रैलियां हुई हैं, लोगों ने अपने स्तर पर ध्वजारोहण समारोह आयोजित किए हैं, वही हैरान होता है. सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि 6,27,976 निजी घरों व मोहल्लों के भीतर ध्वजारोहण हुआ. यह सिर्फ दावा नहीं है, बल्कि ऑन रिकॉर्ड है और विभिन्न फील्ड एजेंसियों, सुरक्षा एजेंसियों और विभिन्न संगठनों की रिपोर्ट इसकी पुष्टि करती है.
रिपोर्ट्स के अनुसार, कश्मीर में स्वास्थ्य संस्थानों पर इस वर्ष पहली बार स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर ध्वजारोहण हुआ है. नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने भी अपने निवास पर पहली बार ध्वजारोहण किया.
पहले पाकिस्तानी झंडे उतारने में व्यस्त रहते थे सुरक्षाकर्मी
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जम्मू कश्मीर पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कहा कि मैं बीते 25 साल से पुलिस में हूं. पहले यहां 14 अगस्त को सुरक्षाकर्मी पाकिस्तानी झंडों को बरामद करने, उन्हें उतारने में व्यस्त रहते थे. स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगे की अवमानना को रोकने के लिए सुरक्षा बंदोबस्त कड़ा रहता था. इस बार ऐसा कुछ नहीं हुआ. कहीं भी सुरक्षाबलों की जरूरत नहीं थी, बल्कि लालचौक में हमें तिरंगा फहराने वालों की भीड़ को काबू करना पड़ा है.
पांच अगस्त 2019 के बाद से यहां सबकुछ बदल गया है. अब यहां लोग पाकिस्तान का नाम नहीं लेते, तिरंगा लहराते नजर आते हैं.
कश्मीरी हमेशा से ही हिंदुस्तानी रहा है और हिंदुस्तानी ही रहेगा. अगर कश्मीरियों को हिंदुस्तान से प्यार नहीं होता तो वह 1947 में कश्मीरी अवाम पाकिस्तानी हमलावरों को ललकारते हुए नहीं कहता कि हमलावर खबरदार-हम कश्मीरी हैं तैयार. कश्मीरियों को तीन साल पहले सही मायनों में आजादी मिली है और अब उसका जश्न मना रहा है. यही असली कश्मीर है. – सलीम रेशी, सामाजिक कार्यकर्ता
जिला अनुसार कार्यक्रम –
शोपियां में 1259 सरकारी,139 निजी संस्थानों और 15 हजार निजी घरों व मोहल्लों सहित 16398 ध्वजारोहण समारोहों में 20163 लोगों ने भाग लिया.
कुलगाम में 2735 सरकारी, 273 निजी संस्थानों,13236 घरों व मोहल्लों सहित 16244 ध्वजारोहण समारोहों में 13236 लोगों ने भाग लिया.
पुलवामा में 3320 सरकारी संस्थानों और 790 निजी संस्थानों के अलावा 86हजार निजी घरों में ध्वजारोहण समारोह हुआ है. इनमें 98662 लोगों ने भाग लिया.
अनंतनाग में 6901 सरकारी व 216 निजी संस्थानों और 124000 निजी घरों में ध्वजारोहण समारोह में 314864 लोगों ने भाग लिया.
श्रीनगर के 2246 सरकारी, 216 निजी और 55782 निजी घरों सहित कुल 58244 ध्वजारोहण हुए जिनमें 291844 लोगों ने भाग लिया.
बड़गाम में 346 सरकारी और 106 गैर सरकारी संस्थानों के साथ 32 हजार निजी घरों सहित 32452 ध्वजारोहण समारोह हुए. इनमें 114422 लोग शामिल हुए.
गांदरबल में 1576 सरकारी और 133 गैर सरकारी संस्थानों के अलावा 28882 निजी घरों में ध्वजारोहण हुआ है जिनमें 64946 लोगों ने भाग लिया.
बांडीपोरा में 1351 सरकारी, 130 गैर सरकारी संस्थानों के अलावा 27626 निजी घरों सहित 29107 ध्वजारोहण समारोहों में 69018 लोगों ने भाग लिया.
बारामुला में 3134 सरकारी संस्थानों में ध्वजारोहण समारोह हुए जबकि 403 निजी संस्थानों में और 132350 निजी घरों सहित 137887 जगहों पर ध्वजारोहण समारोह हुआ है. इनमें 315078 लोगों ने भाग लिया.
कुपवाड़ा में 5651 सरकारी और 367 गैर सरकारी संस्थानों के अलावा 113000 निजी घरों सहित 119018 ध्वजारोहण समारोहों में 334841 लोगों ने भाग लिया.