रोहतक (विसंकें). भारतीय पशु कल्याण बोर्ड ने हरियाणा में पशु तस्करी को लेकर एक सर्वेक्षण किया है, प्रदेश में पशु तस्करी की स्थिति जानने के लिए भारतीय पशु कल्याण बोर्ड की टीम ने सर्वे किया था. बोर्ड के सर्वे में हैरान कर देने वाले आंकड़े सामने आए हैं. हरियाणा से प्रतिदिन हजारों पशुओं की तस्करी दिल्ली और उत्तर प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में हो रही है. सबसे अधिक सोनीपत, हिसार, सिरसा, रेवाड़ी और नूहं जिले से प्रतिदिन पशुओं को दूसरे राज्यों में ले जाया जाता है. इनमें भैंस, कटड़ा-कटड़ी, भेड़ और बकरा-बकरी शामिल हैं.
पशु तस्करी में राजस्थान के हनुमान गढ़ जिले का नौहर गिरोह सबसे अधिक सक्रिय है, जो हरियाणा के स्थानीय तस्करों की सहायता से बड़े स्तर पर पशुओं की खेप बाहर भेज रहा है. सर्वे के अनुसार उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान और पंजाब आदि के सीमा से सटे जिलों में घूमने वाले बेसहारा गोवंश को भी तस्कर ट्रकों में भरकर ले जाते हैं. पशुओं की सबसे अधिक आपूर्ति पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ, बागपत, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर और बुलंदशहर आदि जिलों में होती है.
भारतीय पशु कल्याण बोर्ड की टीम ने सर्वे में कई जिलों में तस्करों के गढ़ को चिह्नित किया है. इसमें यमुनानगर के सदर थाना क्षेत्र, पानीपत के सनौली क्षेत्र, सोनीपत के राई और कुंडली, बावल, कसौला, हिसार क्षेत्र, सिरसा जिले के डबवाली क्षेत्र, फतेहाबाद के नांगल व रतिया क्षेत्र, अंबाला क्षेत्र आदि शामिल हैं. पंजाब के मालौड़ और अबोहर क्षेत्र में भी सबसे अधिक पशु तस्कर सक्रिय हैं.
”हाल ही में किये गए सर्वे में यह आंकड़ा सामने आया है. नियमानुसार, केवल दुधारू पशु को ले जा सकते हैं, लेकिन इसके लिए कागजी कार्रवाई पूरी होनी चाहिए. जिस गांव या शहर से पशु खरीदा है, वहां के सरपंच या पार्षद के लेटर हेड पर पशु के बारे में पूरी जानकारी लिखी होनी चाहिए. पशुओं के डाक्टर का प्रमाण पत्र भी जरूरी है. बड़े ट्रक में मात्र छह पशुओं को लेकर जाया जा सकता है. इससे अधिक पशु मिलने पर पशु क्रूरता अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा सकती है. बिना दूध देने वाले पशु को किसी भी हाल में नहीं ले जा सकते. – हिमांशु चंदाना, पशु कल्याण अधिकारी, भारतीय पशु कल्याण बोर्ड
विभिन्न जिलों में दर्ज एफआइआर
2017 2018 2019 2020
रेवाड़ी : 19 08 07 01
रोहतक : 24 09 23 06
सोनीपत : 07 08 07 03
फतेहाबाद : 07 10 05 03
सिरसा : 06 29 03 08
भिवानी : 08 11 14 01
जींद : 12 20 08 02
झज्जर : 15 15 15 00
हिसार : 33 45 89 20
कैथल : 09 02 02 01
पलवल : 07 14 04 02
(ये आंकड़े भारतीय पशु कल्याण बोर्ड की टीम ने उपलब्ध करवाए हैं.)