उज्जैन. एक तरफ पूरा देश कोरोना वैक्सीन को लेकर उत्साहित है, साल भर के बाद उम्मीद की किरण जगी है. वहीं दूसरी तरफ कुछ लोग इसे धर्म से जोड़ रहे हैं, समुदाय विशेष में भ्रम पैदा कर रहे हैं. यही काम कुछ लोगों ने कोरोना महामारी के प्रसार के दौरान भी किया था. अब, वैक्सीन को लेकर भ्रम की स्थिति पैदा करने वाला बयान मध्यप्रदेश के उज्जैन से आया है.
यहां सुन्नी मुस्लिम समाज के मज़हबी रहनुमा नायब काजी ने बेतुका बयान दिया है. उन्होंने कहा कि वे टीका तब तक नहीं लगवाएंगे, जब तक सुन्नी उलेमा कलाम और मुस्लिम डॉ. फतवा नहीं जारी करेंगे.
काजी ने कहा कि वैक्सीन सबके लिए है. टीका लगवाने के लिए जब भी फतवा जारी होगा, मस्जिदों से ऐलान करवाकर वैक्सीन लगवाई जाएगी. उनका दावा है कि वैक्सीन को लेकर सब की एक ही राय नजर आ रही है. उनके अनुसार यह इस्लाम का मामला है, इसलिए हम फतवे का इंतजार कर रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि जब कोई भी बीमारी का हल ना हो तो ऐसे में शरीयत में गुंजाइश होती है. ये काम इस्लाम से जुड़ा हुआ है. इसलिए इसमें थोड़ा वक्त लगेगा. फतवा जारी होने के बाद पता चल जाएगा कि हमें कोरोना से बचने के लिए वैक्सीन का इस्तेमाल करना है या नहीं.
इस तरह के बयानों से मुस्लिम समाज में बढ़ती धार्मिक कट्टरता की झलक दिखाई देती है. गौर करने वाली बात है कि बीते दिनों उज्जैन में श्रीराम मंदिर निधि समर्पण के लिए निकाली जा रही शांतिपूर्ण बाइक रैली पर छत से पथराव किया गया था. पथराव की इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था.
CAA विरोधी आंदोलनों के दौरान भी पैदा की थी टकराव की स्थिति
उज्जैन के बेगमबाग इलाके में सीएए विरोधी प्रदर्शनों के दौरान सड़क जाम करने की घटना को अंजाम दिया गया. बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग महाकाल मंदिर को जाने वाले मार्ग को जाम करके बैठ गए थे. सैकड़ों की संख्या में बैठे लोगों ने ऐलान कर दिया था कि जब तक सीएए कानून वापस नहीं हो जाता, तब तक वह उसी जगह पर बैठे रहेंगे. इस धरने के कारण महाकाल मंदिर को जाने वाली मुख्य सड़क बंद हो गयी थी.