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फीफा वर्ल्ड कप में भी पहुंचा हिजाब विरोधी प्रदर्शन, ईरान की टीम ने महिलाओं के समर्थन में नहीं गाया राष्ट्रगान

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हिजाब विरोधी आंदोलन का प्रभाव कतर में चल रहे फीफा वर्ल्ड कप तक भी पहुंच गया है. सोमवार को ईरान की टीम के खिलाड़ियों ने हिजाब विरोधी आंदोलन का अलग तरह से समर्थन किया. खिलाड़ियों ने महिलाओं के प्रदर्शन के समर्थन में मैच से पहले राष्ट्रगान गाने से इंकार कर दिया.

रिपोर्ट्स के अनुसार, सोमवार को वर्ल्ड कप मैच में मैदान पर ईरान और इंग्लैंड की टीमें आमने-सामने थीं. इंग्लैंड ने मैच में 6-2 के अंतर से बड़ी जीत दर्ज की. फुटबॉल मैच की शुरुआत से पहले ईरान की नेशनल टीम ने देश में चल रहे महिलाओं के हिजाब विरोधी प्रदर्शन के समर्थन में अपना राष्ट्रगान गाने से इनकार कर दिया. वर्ल्ड कप के पश्चात ईरान वापस लौटने पर टीम को गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं, जिसे लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं.

ईरान में 22 साल की महसा अमीनी की पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी. उसे ‘गलत’ तरीके से हिजाब पहनने के लिए गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद से ईरान में हिजाब के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं, जिसे कई देशों से समर्थन मिल रहा है. इस दौरान महिलाओं को हिजाब जलाते और अपने बाल काटते भी देखा जा चुका है. सोमवार को ईरान की फुटबॉल टीम ने महिलाओं के समर्थन में अपना राष्ट्रगान न गाने का साहसी फैसला लिया. स्टेडियम में उपस्थित ईरानी दर्शक भी अपने राष्ट्रगान का विरोध कर रहे थे.

ईरानी खिलाड़ियों के साथ क्या?

अब टीम पर बड़ा खतरा मंडरा रहा है. शासन के खिलाफ आवाज उठाने के कारण खिलाड़ियों को कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है. रिपोर्ट्स में यह भी दावा किया जा रहा है कि ईरानी शासन ने फुटबॉल खिलाड़ियों की गिरफ्तारी का वारंट जारी कर दिया है. अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी सरकार को चुनौती देने के लिए ईरानी खिलाड़ियों को जेल भेजा जा सकता है, नजरबंद किया जा सकता है या फुटबॉल बोर्ड को ही भंग किया जा सकता है. जिससे भविष्य में यह टीम किसी भी अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं ले पाएगी.

जब अफगान झंडा लेकर मैदान पर उतरी क्रिकेट टीम

ऐसा ही कुछ नजारा पिछले साल संयुक्त अरब अमीरात में टी-20 वर्ल्ड कप के दौरान नजर आया था. क्रिकेट टूर्नामेंट से दो महीने पहले तालिबान ने काबुल पर कब्जा किया था. संगठन ने देश में शरिया कानून और तालिबानी झंडा लागू कर दिया था. लेकिन अफगानिस्तान की क्रिकेट टीम स्कॉटलैंड के खिलाफ मैदान पर अफगानिस्तान का झंडा लेकर उतरी थी. तालिबान के विरोध में खिलाड़ियों ने मैच से पहले अपना राष्ट्रगान गाया था, इस दौरान सभी की आंखें नम हो गई थीं.

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