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असम – अवैध पशु व्यापार में संलिप्त होने पर संपत्ति जब्त होगी

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गुवाहाटी. असम में गौवंश की सुरक्षा को लेकर वर्तमान सरकार सख्त हो गई है. गुरुवार को असम विधानसभा में मवेशी संरक्षण अधिनियम में एक संशोधन पारित किया गया. जिसके पश्चात अब पुलिस को आरोपी के घर में तलाशी लेने और उसकी संपत्ति जब्त करने का अधिकार मिल गया है. विधानसभा में अधिनियम पर बहस के दौरान मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा ने कहा कि वह संदेश देना चाहते हैं कि अवैध पशु व्यापार से निपटने के लिए राज्य तैयार है.

मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने ट्वीट किया, ‘राज्य में मवेशियों की सुरक्षा को मजबूत करने के अपने मिशन में, हम मवेशी संरक्षण अधिनियम-2021 में एक संशोधन लाए हैं. नए परिवर्तन से कृषि उद्देश्यों के लिए मवेशियों के परिवहन में आसानी होगी और पशु तस्करों के लिए कड़ी सजा सुनिश्चित होगी.’

जानकारी के अनुसार, 13 अगस्त को असम मवेशी संरक्षण विधेयक 2021 पारित किया गया था, जिसमें हिन्दू, जैन, सिक्ख बहुसंख्यक और मंदिर, मठों के 5 किमी के दायरे में मवेशियों का वध करने और गोमांस बेचने पर प्रतिबंध लगाया गया था. अब सरकार ने इसे और सख्त बनाने के लिए संशोधन किया है. अधिनियम में एक नई धारा जोड़ी गई है. इसके बाद जांच अधिकारी को अधिक अधिकार मिल गए हैं. अब आरोपी द्वारा अवैध पशु व्यापार से पिछले 6 वर्षों में अर्जित संपत्ति को जांच अधिकारी जब्त कर सकेगा. इसके अलावा आरोपी के घर की तलाशी लेने और आरोपी को हिरासत में लेने का भी अधिकार जांच अधिकारी को दिया गया है.

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