नई दिल्ली. सहारनपुर की अतिया साबरी, को तीन तलाक के मामले में सर्वोच्च न्यायालय में जीत हासिल हुई है. सर्वोच्च न्यायालय ने तीन तलाक के खिलाफ आवाज उठाने वाली अतिया साबरी के पक्ष में फैसला सुनाय़ा है. न्यायालय ने अतिया साबरी को 13 लाख 44 हजार गुजारा भत्ता देने के आदेश दिए हैं. साथ ही, आतिया और दोनों बेटियों के भरण-पोषण के लिए 21 हजार रुपये प्रति महीना भत्ता देने का आदेश भी दिया है. जिन चेहरों पर पिछले 5 साल से चिंता की लकीरें नजर आ रही थीं, सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के पश्चात चेहरों पर मुस्कान लौटी है.
बेटियों को जन्म देने पर पति ने दिया था तलाक
सहारनपुर के कोतवाली मंडी के मोहल्ला आली की चुंगी निवासी अतिया साबरी का निकाह 25 मार्च 2012 को हरिद्वार के गांव सुल्तानपुर निवासी वाजिद अली के साथ धूमधाम से हुआ था. शादी के बाद आतिया ने दो बेटियों को जन्म दिया था. दोनों बेटियों के जन्म के बाद ससुरालियों ने ताने मारने शुरू कर दिए. पति ने भी नवंबर 2015 में यह कहकर तीन तलाक दे दिया कि उसने बेटियों को जन्म दिया, बेटा क्यों नहीं पैदा किया. इतना ही नहीं जब आतिया ने तीन तलाक का विरोध किया तो पति वाजिद अली ने मारपीट कर घर से निकाल दिया. तभी से बेटियों को लेकर अपने माता-पिता के साथ सहारनपुर में रह रही हैं.
अतिया साबरी ने माता-पिता और परिजनों की मदद से 24 नवंबर 2015 को अपने पति वाजिद अली और ससुरालियों के खिलाफ अदालत में शिकायत दर्ज करवाई थी. अतिया ने बताया कि पति और ससुराल के लोग उसको रखने के लिए 20 लाख रुपये की मांग करते थे. मांग पूरी न होने पर उन्होंने अतिया को जहर देकर मारने की भी कोशिश भी की थी, लेकिन जैसे-तैसे वह बचकर अपने मायके लौट आई.
अतिया ने इसके खिलाफ न्यायालय में आवाज उठाई.
उर्दू और समाजशास्त्र में एमए अतिया ने तीन तलाक को भी कोर्ट में चुनौती दी थी. जिसके बाद साल 2018 में सर्वोच्च न्यायालय ने तीन तलाक को असंवैधानिक घोषित कर दिया था. 2015 से वे कोर्ट में शौहर से भरण पोषण के लिए लड़ाई लड़ रही थीं. पति वाजिद अली की आय एक लाख प्रतिमाह बताते हुए अतिया ने कहा कि उसके नाम हीरो होंडा मोटरसाइकिल एजेंसी और 100 बीघा खेती की जमीन है. अतिया ने अपने लिए 25 हजार जबकि दोनों नाबालिग बेटियों सादिया और सना के लिए 10-10 हजार प्रतिमाह भरण पोषण भत्ते की मांग की थी.
एक साथ देने होंगे 13 लाख रुपये
दोनों पक्षों की सुनवाई और पत्रावली पर आए साक्ष्य के आधार पर न्यायाधीश नरेंद्र कुमार ने निर्णय सुनाया. अतिया और उसकी बेटी सादिया तथा सना के लिए 7-7 हजार यानि कुल 21 हजार रुपये महीना गुजरा भत्ते के साथ पिछले 5 साल 4 महीने का 13 लाख 44 हजार रूपए भरण-पोषण भत्ता देने के आदेश दिए हैं.