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बायसी के बाद बहादुरगंज, लालचंद की चाकू से गोदकर हत्या

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संजीव कुमार

बिहार के पूर्वांचल में महादलितों पर हमले की ओर घटना सामने आई है. बायसी (पूर्णिया) के बाद बहादुरगंज (किशनगंज) में अराजक तत्वों ने फिर से दलित परिवार पर हमला किया. इन दोनों विधान सभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के विधायक करते हैं. स्थानीय मुखिया के पुत्र रिजवान और राजा तथा उनके साथियों ने दलित लालचंद राय की गला रेतकर हत्या कर दी. मृतक के पिता ने दो लोगों की पहचान भी की है. घटना के पूर्व इन अपराधियों ने लालचंद की पत्नी के साथ दुर्व्यवहार करने की कोशिश भी की थी. लेकिन, प्रशासन अभी तक मौन है.

पूर्णिया प्रमंडल में जमीन जिहाद के तहत दलितों पर आक्रमण जारी है. पूर्णिया के मझवा टोली की घटना अभी बीती भी नहीं थी कि तब तक किशनगंज के बहादुरगंज थानाक्षेत्र अन्तर्गत देसिया टोली गांव में जिहादियों ने फिर हमला कर दिया. देसिया टोली गांव में 23 मई की रात सोये हुए एक युवक को पांच लोगों ने चाकुओं से गोद डाला. गर्दन पर चाकू से वार कर उसे मरणासन्न स्थिति में ला दिया. गंभीर रूप से घायल 35 वर्षीय लालचंद लाल को इलाज के लिए सिलीगुड़ी ले जाया गया. लेकिन, 24 मई को किशनगंज के लाल लालचंद ने दम तोड़ दिया. पत्नी की शिकायत पर तीन नामजद सहित दो अज्ञात के विरूद्ध केस दर्ज किया गया. सभी आरोपित देसिया टोली गांव के ही रहने वाले हैं.

लालचंद लाल के पिता झुबरा लाल के अनुसार सभी लोग रात में घर में सो रहे थे. इसी बीच देर रात को कुछ युवक सोये हुए लालचंद लाल की पत्नी के साथ छेड़खानी करने लगे. लालचंद ने जब हल्ला मचाना शुरु किया तो वे लोग भी जग गए. घर के सदस्यों ने इनका विरोध किया. लेकिन, दबंग स्वभाव के मोहम्मद राजा और मोहम्मद रिजवान ने उन लोगों को देख लेने की धमकी दी. यहां कमजोरों को सताना इनकी फितरत है. गांव में सात बीघा जमीन को लेकर विवाद चल रहा है. इन जिहादियों का कहना है कि वे लोग गांव छोड़कर चले जाएं. महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार करना इनकी आदत में शुमार है. जातिसूचक गाली देना तो इनका रोज का काम है. लेकिन, जब अपनी इज्जत पर बन आई तो इन लोगों ने भी हंगामा मचाया. लेकिन, अपनी दबंगियत का परिचय देते हुए उनके साथियों ने लालचंद पर हमला कर दिया. पांच लोगों ने मिलकर उस पर हमला बोला और उस पर ताबड़-तोड़ चाकुओं से वार किया.

घायल लालचंद को इलाज के लिए किशनगंज स्थित जीएम मेडिकल कॉलेज ले जाया गया. वहां उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए सिलीगुड़ी रेफर किया गया. सिलीगुड़ी ले जाने के दौरान ही लालचंद ने दम तोड़ दिया. घटना के बाद पूर्णिया प्रमंडल के दलित डरे सहमे हुए हैं. इन दोनों घटनाओं में किसी स्वघोषित दलित नेता ने उनको फोन तक नहीं किया. स्थानीय विश्व हिन्दू परिषद्, बजरंग दल और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के कार्यकर्ता लगातार उनसे संपर्क कर ढाढस बंधा रहे हैं.

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