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पौरुष जागृति के लिए मुंबई में बजरंग दल का शौर्य संचलन

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मुंबई. 6 दिसंबर, 1992 को अयोध्या में प्रभु श्री राम की जन्मभूमि पर अपमान के प्रतीक ढांचे को ढहा दिया गया था. सैकड़ों वर्षों के संघर्ष के बाद हिन्दू समाज का पुरुषत्व जागृत हुआ, उस दिन गीता जयंती थी. उस दिन के बाद, हिन्दू समुदाय का उत्थान हुआ. हिन्दुत्व देश के सांस्कृतिक और राजनीतिक जीवन के केंद्र में विराजमान हुआ. गीता जयंती के दिन ही योगेश्वर कृष्ण ने अर्जुन को गीता सुनाई थी और उनका पौरुष जागृत किया था. भारत के अर्जुन जैसे युवाओं को उस दिन की याद दिलाने के लिए बजरंग दल शौर्य दिवस का आयोजन करता है.

बजरंग दल ने कोंकण क्षेत्र में 4 स्थानों पर शौर्य संचलन/यात्रा का आयोजन किया. उनमें से, 8 दिसंबर, 2024 को रायगढ़, सिंधुदुर्ग, गोवा में हजारों कार्यकर्ताओं की उपस्थिति में शौर्य संचलन आयोजित किया गया. 15 दिसंबर, 2024 को राजा बड़े चौक पर हजारों कार्यकर्ताओं की उपस्थिति में शौर्य संचलन आयोजित किया गया.

कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में भारतीय सेना के सेवानिवृत्त अधिकारी भूषण दीवान, स्वामी विज्ञानानंद उपस्थित थे. बजरंग दल कोंकण प्रांतसह संयोजक गौतम रावरिया ने मंच पर उपस्थित महानुभावों का परिचय कराया.

मुंबई क्षेत्र के क्षेत्र संयोजक विवेक कुलकर्णी ने कहा, “बाबर सहित सभी इस्लामी आक्रमणकारियों ने मंदिरों को नष्ट करके इस देश की संस्कृति को नष्ट करने की कोशिश की. यह आतंकवाद का पहला उदाहरण है. हिन्दू महिलाओं को लव जिहाद का शिकार बनाना, धार्मिक स्थानों पर निशाना बनाना, हिंसा, यह सब भारत पर इस्लामिक आतंक का राज्य स्थापित करने का प्रयास है.

मुख्य अतिथि 1971 के युद्ध में भाग लेने वाले सेना कमांडर भूषण दीवान ने कहा, “हम आक्रमणकारियों को उन्हीं की भाषा में कड़ा जवाब देंगे. हम सज्जनों की रक्षा करेंगे और बुरे लोगों का नाश करेंगे. बजरंग दल का इतिहास वही है जो हम कहते और करते हैं. सिर्फ अयोध्या, मथुरा, काशी ही नहीं, लेकिन इस देश में जिस भी मंदिर पर अतिक्रमण किया गया है, हम हर मंदिर को वापस लेंगे.

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता वर्ल्ड हिन्दू इकोनॉमिक फोरम के संस्थापक स्वामी विज्ञानानंद ने कहा, हम सभी बहादुर, योद्धाओं के वंशज हैं. इस देश पर कई आक्रमणकारियों ने आक्रमण किया, लेकिन फिर भी इस देश की सभ्यता संस्कृति को कोई मिटा नहीं सका. हम उन सभी जिहादियों को भी बताना चाहते हैं जो बांग्लादेश में हिन्दुओं पर अत्याचार कर रहे हैं कि भारतीय सेना ढाका तक पहुंच सकती है और उन्हें मार सकती है.

देश के युवाओं को यह नहीं भूलना चाहिए कि इस देश में भगत सिंह, चन्द्रशेखर आजाद, सुखदेव, राजगुरु जैसे अनेक क्रांतिकारियों के बलिदान के कारण ही आज हम आजाद हैं. यह देश बलिदान, वीरता से बना है. देश के रोल मॉडल बॉलीवुड हीरो नहीं, बल्कि अनगिनत क्रांतिकारी हैं. जिन्होंने बलिदान दिया है.

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