बरेली. बच्चा-बच्चा राम का जन्मभूमि के काम का. श्रीराम जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन के समय यह नारा हर जुबान पर सुनाई देता था. अब जब संघर्ष परिणाम तक पहुंच गया है, तब भी नारा स्मरण हो रहा है. कारण, देशभर से समाचार आ रहे हैं कि बच्चा-बच्चा श्रीराम के धाम के लिए सहयोग करना चाहता है. और नहीं तो अपना पिगी बैंक, जेब खर्च, पुरस्कार राशि, बचत तक श्रीराम के चरणों में समर्पित कर रहे हैं.
ऐसे ही बरेली में 108 बच्चों ने श्रीराम मंदिर के निर्माण के लिए अपनी गुल्लक तोड़ी और जमा राशि श्रीराम मंदिर के लिए समर्पित कर दी. नन्हीं उम्र में श्रीराम के प्रति बच्चों की श्रद्धा व समर्पण चर्चा का विषय बन रहा है.
अयोध्या में बनने वाले श्रीराम के भव्य मंदिर के लिए लोग अपनी आस्था व सामर्थ्य के अनुसार निधि समर्पित कर रहे हैं. बड़ी हस्तियों ने लाखों-करोड़ों की राशि श्रीराम के चरणों में समर्पित की. वहीं, समर्पण में श्रद्धा की भी कोई कमी नहीं है.
जानकारी के अनुसार, श्रीराम मंदिर निधि समर्पण अभियान के तहत बरेली के कृष्ण लीला कॉम्प्लेक्स के आस-पास के बच्चों ने अपनी 108 गुल्लक के पैसे श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए दे दिए. बच्चों को जब पता चला कि राम मंदिर निर्माण के लिए बरेली में निधि समर्पण का कैंप लगा है तो सभी बच्चे एकत्रित हुए और अपनी-अपनी गुल्लक समर्पित करने का फैसला लिया. बच्चों ने यह घनराशि विश्व हिंदू परिषद विभाग संगठन मंत्री रमाशंकर को भेंट की.
अब हर जगह बच्चों के उत्साह की तारीफ की जा रही है. अपनी गुल्लक की राशि समर्पित करते हुए नन्हें बच्चों ने कहा कि हम सभी राम भक्त हैं और सभी को भव्य मंदिर निर्माण के लिए सहयोग करना चाहिए.
बच्चों का समर्पण देख निधि समर्पण कैंप के कार्यकर्ता ने कहा कि बचपन में हुई परवरिश और घरवालों द्वारा दिए संस्कार बच्चों के साथ जिंदगीभर साथ रहते हैं. धर्म के प्रति आस्था के लिए बच्चों को बचपन से जागरूक करना पड़ता है. ये बच्चे असल भारत की पहचान हैं.
पिता नहीं रहे….. लेकिन याद रहा उनका दिखाया रास्ता
लुधियाना में भी श्रीराम मंदिर निर्माण निधि समर्पण अभियान चल रहा है. इसी कड़ी में सातवीं कक्षा के छात्र ने घर-घर घूमकर राम मंदिर निर्माण के लिए 5500 रुपये एकत्रित कर सौंपे.
लुधियाना की विशाल कॉलोनी में रहने वाले मोहित द्वारा किए कार्य को लेकर प्रदेश प्रमुख रामगोपाल ने बताया कि मोहित के परिवार में उनकी मां, बड़ी बहन और एक छोटी बहन है. मोहित 7वीं कक्षा में पढ़ता है. मोहित के पिताजी सामाजिक कार्य में सक्रिय थे, और स्थानीय शिवशक्ति मंदिर के सक्रिय सदस्य थे. 30 नवंबर, 2018 में अचानक पेट दर्द के बाद आंत फटने के कारण उनका देहांत हो गया था. ऐसी कठिन परिस्थिति में बड़ी बहन (बीए की विद्यार्थी) प्राइवेट नौकरी करके घर का खर्चा चलाती है. मोहित को निधि समर्पण अभियान के बारे में पता चला तो उसने पिता के दिखाए रास्ते पर चलते हुए अपने गली मोहल्ले में घर-घर जाकर धन संग्रह शुरू किया और 5500 रुपये की राशि एकत्र कर शिवशक्ति मंदिर कमेटी को दी.
शिवशक्ति मंदिर कमेटी व अन्य श्रीराम भक्तों द्वारा लगभग 65 हजार रुपये की राशि समर्पित की गई.