नई दिल्ली. गृह मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद से पीड़ित परिवारों को राहत देने वाला बड़ा निर्णय लिया है. केंद्र शासित प्रदेश के सरकारी कॉलेजों में एमबीबीएस और बीडीएस जैसे मेडिकल कोर्स में प्रवेश के लिए आतंकवाद से पीड़ित परिवारों के बच्चों को आरक्षण दिया जाएगा. गृह मंत्रालय के निर्णय के अनुसार, आतंकवाद से पीड़ित लोगों के पति अथवा पत्नियों या फिर बच्चों को आरक्षण दिया जाएगा. गृह मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना को जम्मू कश्मीर प्रशासन ने भी स्वीकृति दे दी है.
गृह मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार, उन बच्चों को प्राथमिकता दी जाएगी, जिन्होंने आतंकी हमलों में अपने दोनों पैरेंट्स को खो दिया हो. यदि किसी परिवार के इकलौते कमाने वाले व्यक्ति की आतंकवादी हमले में मौत हुई है या फिर वह दिव्यांग हो गया है तो उसके परिजनों को भी यह कोटा मिलेगा. यह कोटा उन लोगों को मिलेगा, जो जम्मू कश्मीर के स्थायी निवासी होंगे. इसके वाला केंद्र शासित प्रदेश में रहने वाले राज्य और केंद्र सरकार के कर्मचारियों एवं अन्य विभागों के कर्मचारियों के परिजनों को भी यह कोटा मिलेगा.
सरकार की ओर से आरक्षण के लाभ के लिए न्यूनतम योग्यता भी तय की गई है. अधिसूचना में कहा गया है कि फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी या बायो टेक्नोलॉजी जैसे विषय़ों में कम से कम 50 प्रतिशत अंक हासिल करने वाले लोगों को ही यह आरक्षण मिलेगा. एससी, एसटी, ओबीसी के लिए 40 प्रतिशत अंकों की सीमा तय की गई है. वहीं, दिव्यांग वर्ग के लिए 45 प्रतिशत अंक होना जरूरी है. एमबीबीएस और बीडीएस कोर्स में प्रवेश के लिए नीट परीक्षा की मेरिट के आधार पर निर्णय लिया जाएगा. गृह मंत्रालय का कहना है कि जम्मू-कश्मीर में आतंक पीड़ितों को मिलने वाला यह आरक्षण केंद्रीय पूल के तहत आने वाली सीटों पर ही लागू होगा.