नई दिल्ली. भीमा कोरेगांव मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने गत सप्ताह पूरक आरोप पत्र न्यायालय में दायर किया था. आरोप पत्र के अनुसार गौतम नवलखा ने वर्ष 2010 से 2011 के बीच तीन बार अमेरिका की यात्रा की थी. वह पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के सक्रिय सदस्य गुलाम नबी फई के संपर्क में भी था. फई ने ही उसे आईएसआई के जनरल से मिलवाया था. और 2011 में फई को जब अमेरिका में फेडरल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन (एफबीआइ) ने गिरफ्तार कर लिया था तो नवलखा ने एक अमेरिकी न्यायाधीश को पत्र लिखकर फई की दया याचिका पर सुनवाई करने का अनुरोध किया था.
एनआईए आरोप के अनुसार भीमा कोरेगांव मामले में पिछले हफ्ते रांची से गिरफ्तार किए गए स्टेन स्वामी को प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) – माओवादी की गतिविधियां चलाने के लिए आठ लाख रुपये मिले थे.
राष्ट्रीय जांच एजेंसी के अनुसार स्टेन स्वामी के आवास से बरामद किए गए दस्तावेजों में गाइड ऑफ इंक्रिप्टेड डाटा कम्युनिकेशन ऑन जीएसएम नेटवर्क, एन असेंशियल अंडरग्राउंड हैंडबुक, लेटर्स बिट्वींस कॉमरेड्स फॉर यूजिंग इंक्रिप्शन, मिनी-मैनुअल ऑन अर्बन गुरिल्ला शामिल हैं. स्वामी के आवास से एक खत भी बरामद हुआ था, जिसमें अनुसूचित जाति के सभी नेताओं को भाजपा-आरएसएस कॉरपोरेट मित्र परिवार के स्टार प्रचारकों के फर्जी विकास के प्रचार को बाधित करने के लिए बिना विश्राम, बिना लापरवाही और बिना दया के सिद्धांत पर हर संभव काम करने का निर्देश दिया था.
आवास से बरामद एक पत्र में स्वामी ने श्रीनिवास नामक व्यक्ति के योगदान का भी जिक्र किया है, जिसने भाकपा-माओवादी के खिलाफ गृह मंत्रालय की आंतरिक रणनीति की जानकारी उपलब्ध कराई थी. श्रीनिवास को वरवरा राव के लिए राजनीतिक संरक्षण सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी भी दी गई थी.
इनपुट – दैनिक जागरण