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भोपाल – कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए चार क्वारेंटाइन सेंटर शुरू

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भोपाल (विसंकें). मध्यप्रदेश में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के बीच राजधानी भोपाल में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं ने सेवा कार्यों की गति तेज कर दी है. भोपाल में प्रतिदिन संक्रमित मरीजों का आंकड़ा जिस गति से बढ़ा, उसके कारण पूरे शहर के सभी अस्पतालों में मरीजों के लिए बेड का अभाव देखने को मिला. इसकी जानकारी स्वयंसेवकों को हुई तो उन्होंने समाज को साथ लेकर सहयोग करने की योजना बनाई.

स्वयंसेवकों ने भोपाल के गांधीनगर के सेवा भारती आश्रम, शिवाजी नगर के सरस्वती शिशु मंदिर व सरस्वती शिशु मंदिर नारियल खेड़ा, सरस्वती शिशु मंदिर कोटरा में क्वारेंटाइन सेंटर बनाया है, जिनमें लगभग 70 लोगों को आश्रय देने की व्यवस्था की गई है. वहीं आवश्यकता पड़ने पर लगभग 200 लोगों के रुकने की व्यवस्था इन सेंटर्स पर की जाएगी.

संक्रमित मरीजों के परिजनों के रहने की व्यवस्था

क्वारेंटाइन सेंटर में उन लोगों को रहने की व्यवस्था की गई है, जिनके परिजन हाल ही में कोरोना से संक्रमित हुए हैं. वहीं इन सेंटर में रहने वाले लोगों को निःशुल्क भोजन की व्यवस्था भी स्वयंसेवकों द्वारा की गई है. इसके साथ-साथ समय-समय पर सेंटर में रहने वाले लोगों को चिकित्सकीय परामर्श भी दिया जाएगा.

लगभग 25 कार्यकर्ता करेंगे सेंटर पर सेवा

जानकारी के अनुसार इन चारों सेंटर पर 25 स्वयंसेवक लोगों की सेवा में 24 घंटे उपलब्ध रहेंगे. सेंटर में यदि कोई व्यक्ति कोरोना से संक्रमित निकलता है तो उसे अस्पताल तक पहुंचाने की व्यवस्था और उसके इलाज की व्यवस्था भी स्वयंसेवकों द्वारा की जाएगी.

राजधानी भोपाल के अलावा भी प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में संघ के स्वयंसेवकों ने संकट की घड़ी में सेवा कार्य शुरू कर दिए हैं.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विचार से प्रेरित समाज जागृति प्रतिष्ठान एवं भारतीय चिकित्सा संस्था (IMA) भंडारा के संयुक्त प्रयास से भंडारा में सामाजिक सेवा का उदाहरण प्रस्तुत किया. दोनों संस्थाओं ने मिलकर स्थानीय लक्ष्मी सभागृह में 50 बेड का अस्पताल पांच दिन में प्रारंभ किया. विशेषता यह रही कि दो दिन में ही सारे बेड उपयोगी सिद्ध हुए.

१३ अप्रैल, वर्ष प्रतिपदा के शुभ अवसर पर सांसद सुनील मेंढ़े ने सपत्निक पूज़न करके अस्पताल का विधिवत प्रारंभ किया. पांच दिनो से यह चिकित्सालय मरीजों को सेवाएं दे रहा है. जिन मरीजों को भरती होने की आवश्यकता नहीं है, उन्हें बाह्य रुग्ण विभाग में सेवाएं दी जा रही हैं.

सज़्जन शक्ति ज़ब रचनात्मक कार्य हेतु एक होती है तो कठिन कार्य भी सरल होता है, इसका यह उदाहरण है. प्रशासन की भूमिका भी इस उपक्रम में सराहनीय रही है.

 

माधव सेवा न्यास, उज्जैन

कोरोना संकट के समय जरूरतमंदों की सेवा में रत है. उज्जैन के ऐसे समस्त परिवार जिसके सभी सदस्य कोरोना से पीड़ित हैं यानि घर में भोजन बनाने की समस्या आ रही है तो न्यास की ओर से निःशुल्क भोजन उपलब्ध करवाया जाता है.

माधव सेवा न्यास ने कुछ नंबर सोशल मीडिया के माध्यम से सार्वजनिक किए हैं, जिन घरों में भोजन की समस्या है. वे केवल न्यास के नंबर पर नाम, पता व सदस्यों की संख्या बताते हैं. तथा न्यास के कार्यकर्ता भोजन लेकर गंतव्य की ओर निकल पड़ते हैं.

 

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