अपनी जड़ों से जुड़ने की स्वाभाविक इच्छा कन्वर्जन नहीं-घर वापसी – मनमोहन वैद्य VSK Bharat December 30, 2014December 30, 2014 बैनर स्लाइडर विचार 23 दिसम्बर को संसद के शीतकालीन सत्र का एक पूरा सप्ताह विपक्षी दलों के गतिरोध की भेंट चढ़ गया। इस कारण कई आवश्यक विधेयक सदन...
भारत के रत्न को भारत रत्न VSK Bharat December 25, 2014 विचार सवाल सीधा-सा था, इतनी कठिनाइयों में भी आप शांत स्वर कैसे रखते हैं? आपकी आस्था का आधार? अटल जी अपनी चिर-परिचित शैली में मुझे देखते...
जाग रहा है हिन्दू समाज : परम पूज्य सरसंघचालक VSK Bharat December 23, 2014 विचार हमने संकल्प किया है. हिन्दू समाज जब-जब मन से संकल्प करता है, उस संकल्प को अवरुद्ध करने की शक्ति दुनिया में किसी की नहीं होती....
मतांतरण पर बेजा शोर VSK Bharat December 19, 2014 विचार आगरा में हुए कथित मतांतरण को लेकर मीडिया और संसद में कोहराम मचा है. मतांतरण की इस घटना पर गुस्सा क्या महज मतांतरण अभियान के...
धर्मांतरण पर चिंता VSK Bharat December 18, 2014 विचार संगठित धर्मांतरण पर हिंदू संगठनों को कठघरे में खड़ा करना कथित हिंदू-आतंकवाद पर शोर-शराबा करने के समान है. यानी वास्तविक दोषियों और मूल गड़बड़ी पर...
घरवापसी से उठा निष्कारण विवाद : मा. गो. वैद्य VSK Bharat December 17, 2014 विचार उत्तर प्रदेश के आगरा महानगर में 57 मुस्लिम परिवारों ने फिर से अपने मूल हिन्दू धर्म में प्रवेश किया. इस घटना को लेकर संसद में...
राष्ट्र की विजिगीषा जगाने की अनिवार्यता VSK Bharat December 16, 2014December 16, 2014 विचार श्री कृष्ण के गीता उपदेश से पूर्व का अर्जुन और संवाद के बाद का अर्जुन-दोनों ही एकदम विभिन्न व्यक्ति हैं. कौरव सेना में अपने अग्रजों...
गीता पर औचित्यहीन पंथनिरपेक्षी विलाप VSK Bharat December 12, 2014December 12, 2014 विचार कथित पंथनिरपेक्षी व्यथित हैं. पंथनिरपेक्षता को खतरा है. नरेंद्र मोदी की सरकार ने संस्कृति और संस्कृत को बढ़ावा दिया है. उनकी मानें तो सांस्कृतिक मूल्य...
गीता पर संकीर्ण राजनीति VSK Bharat December 11, 2014 विचार यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि महान पवित्र ग्रंथ भगवद् गीता भी संकीर्ण राजनीति से बच नहीं पा रही है. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज द्वारा भगवत गीता...
यूरोपीय इतिहास के विरोध में विश्व संगठित हो VSK Bharat December 8, 2014December 8, 2014 विचार इक्कीसवीं सदी तक विज्ञान का विकास सूचना तकनीक, जैव विज्ञान और नैनोविज्ञान तक आ चुका है, लेकिन आज भी विश्व का इतिहास 'वंशवाद' नामक दकियानूसी...