करंट टॉपिक्स

प्रकृति वन्दन – भारतीय जीवन पद्धति का अभिन्न अंग

डॉ. नीरोत्तमा शर्मा भारतीय मनीषियों ने आविर्भाव काल से ही प्रकृति का महत्व अनुभूत कर लिया था और सामान्य जन में प्रसारित कर जन-जन को...

प्रकृति – मातृ स्वरूपा

दीप्ति शर्मा प्रकृति - मातृ  स्वरूपा अर्थात् प्रकृति माँ के समान है. भारतीय संस्कृति में प्रकृति को माता माना गया है एवं माँ रहित जीवन...

वैश्विक गणेश / पांच – चीन में ‘भगवान विनायक’

प्रशांत पोळ चीन और भारत के संबंध बहुत प्राचीन हैं. कितने प्राचीन हैं...? कुछ ठोस कहना कठिन है. पहली शताब्दी के प्रमाण मिले हैं, चीन...

वैश्विक गणेश / चार – थायलैंड के विघ्नहर्ता अर्थात् ‘फ्रा फिकानेट’

पूरे विश्व में यदि कोई देश ‘भगवान गणेश’ का देश कहलाने का हकदार होगा, तो वह थायलैंड है, भारत नहीं. जी हां, किसी जमाने का ‘सयाम’. हिन्दू और बौद्ध संस्कृति को बड़ी सहजता के साथ अपने में समेटे हुए यह देश, बड़े गर्व के साथ अपनी हिन्दू परंपरा प्रदर्शित करता है. थायलैंड के राजा, अपने नाम के आगे भगवान श्रीराम का नाम, उपनाम के तौर पर लगाते हैं.

वैश्विक गणेश / तीन – दक्षिण अमेरिका में ‘श्री गणेश’…

प्रशांत पोळ सन् 1519 में स्पेनिश आक्रांताओं ने इन संस्कृति को मानने वाले आजटेक साम्राज्य को पराभूत कर, वहां अपना धर्म, अपनी भाषा और अपनी...

वैश्विक गणेश / दो – कंबोडिया में सिद्धिविनायक

कंबोडिया में हजार वर्ष से भी ज्यादा समय हिन्दू साम्राज्य था. पहले फुनान, बाद में कंबोज़ और फिर खमेर राजवंशों ने कंबोडिया में हिन्दुत्व की...

लालकिले की प्राचीर पर राम मंदिर की गूँज ने रचा इतिहास

विनोद बंसल भारत के 74वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने श्रीराम जन्मभूमि की स्वतंत्रता के मुद्दे को लालकिले की ऐतिहासिक...

राम, कृष्ण, मुक्ति संघर्ष और स्वतंत्रता – राम-कृष्ण के चरित को व्यवहारिक जीवन में उतारें

जयराम शुक्ल ऋतुराज वसंत शौर्य, उत्सव और उत्सर्ग के लिए जाना जाता है तो पावस (वर्षा ऋतु) की हरीतिमा में पवित्रता, मुक्ति, विजय और क्रांति...

देवर्षि नारंद जयंती पर विशेष – ‘तद्विहीनं जाराणामिव.’ अर्थात् वास्तविकता (पूर्ण सत्य) की अनुपस्थिति घातक है

- लोकेन्द्र सिंह भारतीय परंपरा में प्रत्येक कार्यक्षेत्र के लिए एक अधिष्ठाता देवता/देवी का होना हमारे पूर्वजों ने सुनिश्चित किया है. इसका उद्देश्य प्रत्येक कार्य क्षेत्र...

जलियांवाला बाग का वीभत्स हत्याकांड – अंग्रेजों के क्रूर अत्याचारों का जीता जागता प्रमाण

इतिहास साक्षी है कि भारत की स्वतंत्रता के लिए भारतवासियों ने गत 1200 वर्षों में तुर्कों, मुगलों, पठानों और अंग्रेजों के विरुद्ध जमकर संघर्ष किया...