करंट टॉपिक्स

शिक्षा का मूल उद्देश्य व्यक्तित्व विकास और चरित्र निर्माण होना चाहिए – अतुल कोठारी जी

स्वतंत्रता पश्चात हमें शिक्षा क्षेत्र में किस दिशा में बढ़ना था और हम किस तरफ चल पड़े, हमारी वर्तमान शिक्षा नीति जीवन के मूल उद्देश्यों...

विविधता है, भेद नहीं, इसी आधार पर हम सबको साथ लाते हैं’

शाखा यानी टहनी, इस टहनी को संभालने वाला संघवृक्ष कैसा है ? इसके कार्य की प्रकृति और आयाम क्या हैं, यह जानने के क्रम में...

दुनिया चाहती है कि आपदा के बाद नेपाल फिर खड़ा हो – सह सरकार्यवाह जी

नेपाल में आए भूकम्प के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सहसरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले राहत कार्यों का मार्गदर्शन करने नेपाल गए थे. उन्होंने पीडि़तों के दु:ख-दर्द...

निस्वार्थ और पूजा भाव से की गई सेवा ही सच्ची सेवा है – सुहास राव हिरेमठ

सच्चे अर्थों में सेवा का भाव क्या है, सेवा का उद्देश्य क्या है, संघ और सेवा भारती किन क्षेत्रों में सेवा कार्य कर रहे हैं,...

घर वापसी अपनी जड़ों से जुड़ने की स्वाभाविक आकांक्षा है : डॉ. मनमोहन वैद्य

23 दिसंबर को संसद का शीतकालीन सत्र विपक्षी दलों के हंगामे के चलते हुये गतिरोध की भेंट चढ़ गया. देश के कई हिस्सों में घर...

हथकंडे न अपनाते तो पश्चिम एशिया में सिमटे रहते इस्लाम और ईसाइयत: तसलीमा

आगरा में हुई कन्वर्जन की घटना के बाद जिस तरह से एक राजनीतिक बवंडर बनाकर इसे प्रस्तुत किया गया वह असल में एक सामूहिक भय...

बच्चों तक अपने जीवन मूल्यों को पहुँचाना भगवाकरण नहीं

शिक्षा बचाओ आंदोलन और शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के जरिये पाठ्य पुस्तकों के तथ्यहीन बातों को हटवाने वाले श्री दीनानाथ बत्रा आज एक बार फिर...

‘हिंदू लड़कियों की पीड़ा उन्हें दिखाई क्यों नहीं देती?’

जितने तथाकथित सेकुलर या मानवाधिकारी संगठन हैं, उनको हिंदुओं की पीड़ा दिखाई नहीं देती. वे हिंदू के कष्ट को कष्ट नहीं मानते. हजारों हिंदू बालिकाओं...

क्यों नहीं कर पा रहा मुस्लिम समुदाय किसी पर भरोसा ?

जबलपुर. देश के मुस्लिम समुदाय को पिछले 65 वर्षों से दगा ही दगा मिला है. यही कारण है कि वे किसी पर भी भरोसा नहीं...

दिशा सही है, लेकिन अभी रास्ता लंबा : भय्याजी जोशी

विश्व हिन्दू परिषद की प्रकृति, विविध आयाम और इसकी गतिविधियों एवं समाज में इसके योगदान की 50 वर्षीय यात्रा पर पाञ्चजन्य के संपादक श्री हितेश...