रायपुर. जबरन या फिर बरगलाकर, लालच देकर दूसरे मतों में ले जाए गए लोगों को उनकी जड़ों में वापिस लाने के लिए घर वापसी अभियान चलाया जा रहा है. इसी के तहत बीते रविवार को 651 लोगों ने सनातन धर्म में वापसी की. घर वापसी करने से पहले सभी लोग ईसाई मत के अनुयायी थे. मिशनरियों ने कई साल पहले इन सभी को लालच देकर ईसाई बना दिया था.
घर वापसी के दौरान प्रबल प्रताप जूदेव ने सभी लोगों के चरण पखारकर उनका सनातन धर्म में स्वागत किया. सभी पर गंगाजल छिड़का. वनवासियों के अवैध धर्मान्तरण पर चिंता व्यक्त की. कहा कि प्रदेश में मिशनरी अवैध तरीके से लोगों को कन्वर्ट कर रहे हैं. नकली हिन्दुओं के कारण सनातन संस्कृति खतरे में है.
प्रबल प्रताप जूदेव ने कहा कि सक्ती छत में पांव पखारकर 651 धर्मान्तरित लोगों की पुन: सनातन धर्म में घर वापसी करवाई गई है. मिशनरियों द्वारा कई वर्षों से सक्ती एवं आसपास के जिलों में धर्म परिवर्तन का विष फैलाया जा रहा है. धर्मान्तरण से पूरे क्षेत्र की डेमोग्राफी बदल रही है. यह अत्यंत गंभीर और चिंता का विषय है.
जूदेव ने कहा, बड़ी समस्या डीलिस्टिंग की है, वनवासी भाई हैं उन्हें लाभ मिले, इसके लिए मैं बड़ा प्रदर्शन करूंगा. कुछ लोग कन्वर्ट हो रहे हैं और इसका लाभ भी उठा रहे हैं. डीलिस्टिंग होना बहुत जरूरी है. वनवासी समाज जो कन्वर्ट हो गया है, उसका आरक्षण बंद होना चाहिए. इसके लिए जशपुर से लेकर रायपुर तक पदयात्रा करूंगा.
प्रबल प्रताप जूदेव ने कहा, छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण एक बहुत बड़ी सांस्कृतिक समस्या है. आज जनजातीय समाज की पहचान पर भी संकट आ गया है. कई गांवों में मूल संस्कृति के साथ जी रहे जनजाति और मतांतरित वर्ग में तनाव देखने को मिल रहे हैं. बस्तर और छत्तीसगढ़ के अन्य क्षेत्रों में पिछले वर्ष कई घटनाएं भी हुई थीं. मिशनरियों द्वारा धर्मान्तरण के माध्यम से परिवार और समाज को तोड़ा जा रहा है.