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कोरोना वैक्सीन – पीजीआईएमएस में वैक्सीन के दो सफल ट्रायल के बाद आईसीएमआर ने तीसरे फेज के ट्रायल की दी मंजूरी

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रोहतक (विसंकें). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत प्रचारक व प्रांत कार्यवाह ने वॉलंटियर के रूप में कोरोना वैक्सीन का परीक्षण अपने पर करवाया. कोरोना की वैक्सीन का तीसरे दौर का क्लिनिकल ट्रायल शुरू हो चुका है. पीजीआई में वॉलंटियर के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत प्रचारक विजय कुमार, प्रांत कार्यवाह सुभाष आहूजा, रोहतक जिला प्रचार प्रमुख ईश्वर कौशिक ने भारत बॉयोटेक द्वारा बनाई जा रही वैक्सीन का डोज़ लिया.

उन्होंने कहा कि पूरे देश में तीसरे दौर का क्लिनिकल ट्रायल 25,000 वॉलिंटियर पर होना है. इसके अंतिम परिणाम आने पर सम्पूर्ण देश में दवा दी जाएगी. लोगों से आह्वान करते हुए कहा कि खतरा अभी टला नहीं है. इसलिए सभी लोग पूरी सावधानी बरतें, सामाजिक दूरी बनाए रखें, मास्क लगाएं और समय-समय पर हाथ जरूर धोएं. अधिक से अधिक लोग वॉलंटियर के रूप में रजिस्ट्रेशन करवाएं और ट्रायल में बिना किसी डर के सहयोग करें. कोरोना से युद्ध में अपना सहयोग दें.

विश्व हिन्दू परिषद के संयुक्त महासचिव डॉ. सुरेंद्र जैन और एलपीएस बोसार्ड के प्रबंध निदेशक राजेश जैन ने भी वॉलंटियर के रूप में वैक्सीन का डोज लिया.

तीसरे फेज में गंभीर रोग वाले वालंटियरों पर भी होगा ट्रायल

पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विश्वविद्यालय, रोहतक के पीजीआईएमएस में को-वैक्सीन के दो सफल ट्रायल के बाद आईसीएमआर (इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च) ने तीसरे फेज के ट्रायल की भी मंजूरी दे दी है. पीजीआईएमएस तीसरे फेज के ट्रायल में एक हजार लोगों पर वैक्सीन का ट्रायल करेगा. हालांकि देश में कुल 25 हजार 800 लोगों पर वैक्सीन का ट्रायल होना है. इस बार गंभीर रोग वाले वालंटियरों को भी वैक्सीन की डोज दी जाएगी. तीसरे फेज में गंभीर रोग वाले वालंटियरों पर भी होगा. छह माइक्रोग्राम की डोज दी जाएगी. 42 दिन बाद शरीर में एंटीबॉडी की स्थिति मापी जाएगी. इस समय सीमा के बाद भी एंटीबॉडी बनती हैं तो ट्रायल को सफल माना जाएगा. यह जानकारी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. ओपी कालरा ने दी.

पहले और दूसरे फेज का ट्रायल रहा सफल

कुलपति डॉ. कालरा ने बताया कि पीजीआई में फेज एक और दो के ट्रायल सफल रहे. दूसरे ट्रायल में कुछ वालंटियर्स को हल्की-फुल्की एलर्जिक शिकायत आई. जो आम वैक्सीन से भी हो जाती है. पहले फेज में 375 और दूसरे फेज में 350 वालंटियर्स पर वैक्सीन का ट्रायल हुआ. तीसरे फेज के ट्रायल सफल होने पर 90 फीसद तक वैक्सीन का परिणाम आने की उम्मीद पीजीआई के चिकित्सकों ने जताई है.
भारत में बन रही कोरोना की वैक्सीन अन्य देशों से सुरक्षित

पीजीआई चिकित्सकों का दावा है कि भारत में बन रही को-वैक्सीन दुनियाभर में बन रही अन्य कोरोना वैक्सीन से ज्यादा सुरक्षित है. डॉ. सविता वर्मा बताती हैं कि यह किल्ड वैक्सीन का प्रकार है. वायरस के न्यूक्लियस को

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