नई दिल्ली. प्रख्यात विधिवेत्ता पद्म भूषण प्रो. वेद प्रकाश नंदा जी के निधन पर विद्यार्थी परिषद ने शोक व्यक्त किया. अभाविप की स्थापना के प्रारंभिक दशकों में संगठन को सुदृढ़ बनाने एवं संगठन विस्तार में स्व. वेदप्रकाश नंदा जी का योगदान अविस्मरणीय है. स्वर्गीय वेदप्रकाश नंदा जी सन् 1951 में अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री व सन् 1956-1959 तक राष्ट्रीय अध्यक्ष के दायित्व पर रहे.
सन् 1934 में प्रो. वेदप्रकाश नंदा जी का जन्म अविभाजित भारत के गुजरांवाला में हुआ था. पंजाब विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में परास्नातक, दिल्ली विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई पूर्ण करने के बाद उन्होंने नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी से एलएलएम किया व अमेरिका स्थित येल यूनिवर्सिटी में भी अध्ययन किया. सन् 1972 से डेनवर विश्वविद्यालय के स्टर्म कॉलेज ऑफ लॉ में विधि विषय के प्रोफेसर थे. भारत से लेकर विदेश तक, उनके पढ़ाए-प्रेरणा पाए विद्यार्थी रहे हैं. अमेरिका की पूर्व सेक्रेटरी ऑफ स्टेट कोंडोलीज़ा राइस, ईरान के पूर्व विदेश मंत्री जवाद ज़रीफ़, न्यू मैक्सिको सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश पेट्रीसियो सेर्ना जैसे अनेक नाम प्रोफेसर नंदा के छात्र रहे हैं.
स्व. प्रो. वेद प्रकाश नंदा जी, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद को एक राष्ट्रव्यापी संगठन बनाने के लिए किए अनेक सफल प्रयत्नों में सहभागी रहे हैं. एक कुशल संगठनकर्ता के साथ उनका जीवन सादगी से परिपूर्ण एवं सर्वसुलभ था. स्व. प्रो नंदा जी ने भारतीय विचारों की अलख जगाने का कार्य कर रहे ‘हिन्दू स्वयंसेवक संघ’ में अमेरिकी क्षेत्र के संघचालक के रूप में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. प्रो. नंदा द्वारा शिक्षा क्षेत्र में किए कार्य को अभिज्ञान प्रदान करते हुए वर्ष 2018 में उन्हें भारत सरकार ने पद्म भूषण से सम्मानित किया. स्व. वेदप्रकाश नंदा जी का स्नेह विद्यार्थी परिषद कार्यकर्ताओं को उनके जीवन के अंतिम वर्षों तक मिला, कोरोना काल के दौरान वे विद्यार्थी परिषद द्वारा आयोजित वेब गोष्ठियों में शामिल हुए तथा विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया.
स्व. वेदप्रकाश नंदा जी का सम्पूर्ण जीवन राष्ट्रसेवा, मानवाधिकारों तथा शिक्षा क्षेत्र को समर्पित रहा, ऐसे कुशल संगठनकर्ता, विधि विषय के लब्धप्रतिष्ठ जानकार के देहावसान पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राजशरण शाही, राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल, राष्ट्रीय संगठन मंत्री आशीष चौहान, राष्ट्रीय सह-संगठन मंत्री प्रफुल्ल आकांत एवं राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद के निमंत्रित सदस्य प्रा. मिलिंद मराठे ने पुण्यात्मा को अंतिम प्रणाम निवेदित करते हुए आत्मा की सद्गति प्राप्त हेतु प्रार्थना की.