प्रयागराज. संगम नगरी प्रयाग में ‘धर्मांतरण’ की बड़ी साजिश का खुलासा हुआ है. साथ ही, सबसे बड़े आध्यात्मिक माघ मेले में हिन्दुओं की आस्था को ठेस पहुंचाने की कोशिश करने का भी प्रयास हुआ है. पुलिस ने माघ मेले में गलत तथ्यों के साथ सनातन के विरुद्ध प्रचार कर इस्लामिक साहित्य बेचने वाले लोगों को गिरफ्तार किया है.
पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार, गिरफ्तार किए गए लोगों में से मुख्य आरोपी महमूद हसन गाजी प्रयागराज के एक मदरसा का शिक्षक है. आरोप है कि पहले उसने दो युवकों को अपने झांसे में लिया और फिर उन्हें इस्लाम कबूल करवाया. बाद में उन्हीं दोनों के माध्यम से माघ मेले में स्टॉल लगवाया. फिर इस्लाम अपनाने के फायदों की किताबें बताकर साहित्य बंटवाने लगा.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, प्रयागराज के क्राइम ब्रांच के डीसी सतीश चंद्रा ने बताया कि ‘दो लड़कों को गिरफ्तार किया गया है, जो इस्लाम और हिन्दुओं का धार्मिक साहित्य बेचते थे. इन्होंने सनातन धर्म के ग्रंथों के कुछ श्लोकों की अपने ढंग से व्याख्या की है. पूछताछ में पता चला कि ये दोनों पहले हिन्दू थे, अब धर्म परिवर्तन करके मुस्लिम हो गए हैं. दोनों के पास दोनों नामों से आधार कार्ड मिला.’
पुलिस की जांच में सामने आया कि मौलाना महमूद हसन गाजी ने सनातन धर्म ग्रंथों की गलत व्याख्या वाली पुस्तकें छपवा रखी थीं. इन सभी पुस्तकों को हिन्दू धार्मिक स्थलों में बेचने के लिए कहता था. साथ ही उनकी तस्वीरें खिंचवाया करता था. इन्हीं से भम्रित करके लोगों को इस्लाम कबूल करवाने की कोशिश करता था. इसके बावजूद मौलाना का कहना है कि वो वही कर रहा था जो इस्लाम कहता है. मौलाना ने कहा कि उसने जो भी किया, उसके लिए उसे किसी तरह का मलाल नहीं है.
पूछताछ में पुलिस को बताया कि करेली में रहने वाला मदरसे का शिक्षक महमूद हसन उन्हें पांच-पांच हजार रुपये महीना देता है. उनके कहने पर ही इस्लामिक साहित्य बांटते थे. पुलिस ने महमूद हसन को भी गिरफ्तार कर लिया. महमूद हसन इस्लामिया हिमदादिया मरियाडीह में शिक्षक है और बज्में पैगामे बहदानियत संस्था का प्रेसिडेंट भी है. इस काम के लिए उसे अबू धाबी से हर महीने मोटी रकम भी भेजी जाती थी.