नई दिल्ली. रक्षा मंत्रालय ने ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ के तहत रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों द्वारा देश में रक्षा आयात को कम करने के उद्देश्य से 780 लाइन रिप्लेसमेंट/इकाइयों/उप-प्रणालियों /कलपुर्जों की तीसरी स्वदेशी सूची को स्वीकृति प्रदान की है. एक निर्धारित समय सीमा के बाद ये आयात केवल स्वदेशी रूप से किया जाएगा. रक्षा मंत्रालय ने दिसंबर 2023 से दिसंबर 2028 तक की अवधि में वस्तुओं के आयात प्रतिबंध के लिए समय सीमा निर्धारित की है.
यह सूची LRU/सब-सिस्टम/असेंबली/सब-असेंबली/कंपोनेंट्स की दो अन्य सकारात्मक स्वदेशीकरण सूचियों के क्रम में है जो दिसंबर 2021 और मार्च 2022 में जारी की गयी थीं. अभी तक आयातित इन उपकरणों और कलपुर्जों की सूची सृजन पोर्टल पर देख सकते है. इस सूची में दी गयी समय सीमा के बाद इन्हें स्वदेशी उद्योगों से ही ख़रीदा जाएगा. जो देश को आत्मनिर्भर बनाएगा. इन उपकरणों का स्वदेशीकरण ‘मेक’ श्रेणी के तहत विभिन्न तरीक़ों के माध्यम से किया जाएगा. इसका उद्देश्य भारतीय उद्योग की भागीदारी को रक्षा क्षेत्र में बढ़ाना है और आत्मनिर्भरता प्राप्त करना है.
देश की रक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए, देश के भीतर किसी भी रक्षा उपकरण के विकास और उत्पादन की क्षमता को बढ़ावा देना ही रक्षा क्षेत्र का स्वदेशीकरण है. स्वदेशीकरण आत्मनिर्भरता प्राप्त करने और आयात के बोझ को कम करने में मदद करेगा. रक्षा अनुसंधान विकास संगठन, रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम और निजी संगठन रक्षा उद्योगों के स्वदेशीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. भारत दुनिया के सबसे बड़े हथियार आयातकों में से एक है, और सशस्त्र बलों के लिए अगले पांच वर्षों में रक्षा खरीद पर लगभग 130 बिलियन अमरीकी डालर खर्च करने की उम्मीद है.
इसका उद्देश्य घरेलू रक्षा उद्योग की डिजाइन क्षमताओं का उपयोग करना और भारत को इन प्रौद्योगिकियों में एक डिजाइन लीडर के रूप में स्थापित करना है. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बजट के बाद 25 फरवरी, 2022 को आयोजित एक वेबिनार में रक्षा मंत्रालय के स्वदेशीकरण प्रयासों की सराहना की थी.
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने 14 अगस्त 2020 को सृजन (SRIJAN) पोर्टल लांच किया था. यह एक वन स्टॉप ऑनलाइन पोर्टल है जो विक्रेताओं को स्वदेशीकरण की वस्तुओं के लिए एक्सेस प्रदान करता है. इस पोर्टल की मदद से रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को प्राप्त किया जाएगा. पोर्टल पर ऐसे सामानों की जानकारी है, जिनका निर्माण हम स्वदेशी रूप से कर सकते हैं.