केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दीदी मां साध्वी ऋतंभरा द्वारा वात्सल्य ग्राम परिसर में स्थापित संविद् गुरूकुलम् बालिका सैनिक स्कूल का लोकार्पण किया. प्रधानमंत्री ने 75वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर देश में ऐसे स्कूल खोलने की घोषणा थी और ठाकुर बांके बिहारी की नगरी को स्कूल की शुरूआत के साथ नई पहचान मिली है. भारत का पहला बालिका सैनिक स्कूल वृंदावन में खुल गया.
कृष्ण और राधा की धरती मथुरा की पहचान अब यहां की बालिकाओं से भी होगी. देश के पहले सैन्य बालिका स्कूल से बेटियां तपकर निकलेंगी. उन्हें सीबीएसई पाठ्यक्रम के साथ सैन्य प्रशिक्षण भी दिया जाएगा. स्कूल में 120 सीटों के लिए प्रवेश परीक्षा भी जल्द ही होगी.
स्कूल का सत्र अप्रैल से शुरू होगा. इसमें बेटियों के तीन बैच बनाए जाएंगे. बेटियों को सीबीएसई शिक्षा के साथ सैन्य शिक्षा, खेलकूद के अलावा बाधा प्रशिक्षण भी पूर्व सैनिकों व एनसीसी द्वारा दिया जाएगा. स्केटिंग, वॉलीबाल, राइफल शूटिंग, घुड़सवारी का प्रशिक्षण भी बालिकाओं को मिलेगा. चयनित बालिकाओं की दिनचर्या सुबह पांच बजे से रात 10 बजे तक रहेगी. सुबह की शुरुआत ड्रिल के साथ होगी. इसके बाद सैनिक स्कूल सोसाइटी द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम की शिक्षा बालिकाओं को दी जाएगी. शाम को विभिन्न खेलकूद, परेड और प्रशिक्षण दिया जाएगा.
वात्सल्यमूर्ति साध्वी ऋतंभरा के जीवन के 60 वर्ष पूर्ण होने पर वात्सल्य ग्राम में आयोजित षष्ठिपूर्ति महोत्सव में बालिका सैनिक स्कूल का लोकार्पण करते हुए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हमारे अंदर पूर्वजों का रक्त है. हम विश्व में जहां कहीं भी जाते हैं, भारतीयता की पहचान नहीं खोते. प्रधानमंत्री ने जब सैनिक स्कूलों में बालिकाओं के प्रवेश को मंजूरी दी, तो वह नारी उत्थान के इतिहास में स्वर्णिम क्षण था.
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि महिलाओं एवं बेटियों को आगे बढ़ाने के लिए उनकी रक्षा एवं शिक्षा हमारी प्रथम प्राथमिकता है. सैनिक स्कूल बालक-बालिकाओं में सेना का अनुशासन लाने का काम कर रहे हैं. सैन्य शक्ति का अनुशासन जीवन में आगे बढ़ने में मदद कर रहा है.