करंट टॉपिक्स

राम कथा व भागवत कथा से युवतियां कर रहीं सांस्कृतिक जनजागरण का कार्य

Spread the love

रांची (विसंकें). वनवासी युवतियां प्रदेश सहित देशभर में एकल अभियान से जुड़कर सांस्कृतिक चेतना के जागरण के साथ ही धर्मांतरण रोकने के अभियान में जुटी हैं. युवतियां प्रशिक्षण के पश्चात गांवों में जाकर राम कथा, भागवत कथा सुनाकर सनातन संस्कृति के समृद्ध ज्ञान से परिचित करवा रही हैं. प्रदेश के सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों से संबंधित लगभग 1500 कथावाचक युवतियां जनजागरण के कार्य में लगी हैं.

एकल अभियान का शुभारंभ 1995 में हरि कथा योजना नाम से झारखंड से हुआ था. धीरे-धीरे इस अभियान से झारखंड, बिहार, छत्तीसगढ़, ओडिशा सहित कई राज्यों के गांवों की युवतियां जुड़ने लगीं और कथा वाचन का प्रशिक्षण प्राप्त करने लगीं. वर्तमान समय में तीन हजार कथावाचक गांवों में जाकर कथा वाचन का कार्य कर रहे हैं.

अभियान के तहत विशेष ध्यान उन क्षेत्रों में दिया जा रहा है, जहां ईसाई मिशनरियों द्वारा बरगलाकर भोले-भाले जनजाति समाज का धर्मांतरण कराया जा रहा है. कथावाचक युवतियों को प्रशिक्षित करने के लिए अयोध्या, वृंदावन, नागपुर, पुरी, गुवाहाटी सहित पूरे देश में सात स्थानों पर मुख्य प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किए गए हैं. इन कथावाचकों के प्रयास से स्थानीय लोगों में अपने धर्म और संस्कृति के प्रति गौरव व स्वाभिमान का भाव भी बढ़ा है. साथ ही बच्चों व युवाओं में सांस्कारिक व आध्यात्मिक जागरण भी हुआ है.

अभियान के प्रयासों से अब लोग धर्मांतरण का विरोध कर रहे हैं. लालच देकर धर्मांतरण कराने वालों से ये युवतियां सनातन धर्म के गूढ़ ज्ञान के हथियार से मुकाबला कर रही हैं. कई क्षेत्रों में धर्मांतरण के प्रयासों पर रोक लगी है.

एकल अभियान कथाकार योजना के अखिल भारतीय प्रमुख जीतू पाहन ने कहा कि विदेशी धर्म संस्कृति वाले लोग हमारे भोले-भाले वनवासी भाई-बहनों को प्रलोभन देकर धर्म बदलने का कुत्सित प्रयास कर रहे हैं. जब लोगों को अपनी धर्म-संस्कृति के बारे में जानकारी दी जाती है तो अपने धर्म के बारे में उनका स्वाभिमान जागृत होता है. इसके बाद वह दूसरे धर्म को अपनाना नहीं चाहते.

धर्मांतरित होकर जो लोग दूसरे धर्म में चले गए, वे भी अब अपने मूल धर्म में वापस आ रहे हैं. जिन-जिन वनवासी गांवों में हरि सत्संग मंडली सतत कार्य करती है, उन गांवों में किसी भी विदेशी धर्म प्रचारक का स्थान नहीं है. उन गांवों के अधिकतर युवा नशा पान नहीं कर रहे हैं.

हरि कथा योजना के केंद्रीय प्रशिक्षण प्रमुख देवकीनंदन दास ने कहा कि जो भी युवक व युवतियां कथाकार योजना से जुड़ते हैं, उन्हें सबसे पहले मुख्य प्रशिक्षण केंद्रों पर नौ माह का प्रशिक्षण दिया जाता है. फिर जिलों व अंचलों में एक माह का प्रशिक्षण कार्यक्रम चलता है, जो अभी कई जगहों पर चल रहा है. प्रशिक्षण लेने के बाद कम से कम पांच वर्षों तक सभी अभियान से जुड़े रहते हैं.

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *