नई दिल्ली. रक्षा सामग्री उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता का लक्ष्य हासिल करने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिए जा रहे हैं. स्वदेशी कंपनियों से रक्षा सामग्री की खरीद को प्राथमिकता प्रदान की जा रही है. इसी क्रम में भारतीय सेनाओं के लिए स्वदेशी कंपनियों से 40 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की सामग्री की खरीद के लिए क्रय आदेश जारी हुए हैं.
रक्षा मंत्रालय ने भारतीय कंपनियों से नौसेना के लिए 11 गश्ती जहाजों और 6 मिसाइल दागने में सक्षम युद्धपोतों के निर्माण का सौदा किया है. यह सौदा 19, 600 करोड़ रुपये का है. रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड को उन्नत मोबाइल लॉंचर और मिसाइलों के लिए 1,700 करोड़ रुपये का क्रय आदेश भी दिया. कंपनी को यह आपूर्ति 2027 तक करनी होगी. इन्हें मिलाकर दो दिनों में सेनाओं के लिए 40 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की खरीद के लिए क्रय आदेश दिए गए हैं.
11 गश्ती जहाजों के निर्माण का सौदा गोवा शिपयार्ड लिमिटेड और गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स, कोलकाता के साथ किया गया है. 11 में से सात जहाज गोवा की कंपनी बनाएगी, जबकि चार का निर्माण कोलकाता की कंपनी करेगी. इन जहाजों पर कुल 9,781 करोड़ रुपये की लागत आएगी. नौसेना को ये जहाज सितंबर 2026 से मिलने शुरू हो जाएंगे, जबकि छह मिसाइल युद्धपोतों का निर्माण कोच्चि शिपयार्ड लिमिटेड करेगी. इन युद्धपोतों के निर्माण का सौदा 9,805 करोड़ रुपये का हुआ है और ये मार्च 2027 से नौसेना को मिलने लगेंगे. ये युद्धपोत भारत की युद्धक क्षमता को बढ़ाने में ने प्रभावी साबित होंगे. इसी के साथ नौसेना के लिए 1,700 करोड़ रुपये में 13 लिंक्स-यू 2 फायर कंट्रोल सिस्टम की खरीद का सौदा किया है. सरकार ने यह सौदा भारत इलेक्ट्रानिक्स लिमिटेड के साथ किया है. यह सिस्टम नौसेना के युद्धपोतों में लगी तोपों के फायर को नियंत्रित करता है.