नई दिल्ली. रक्षा मंत्रालय ने 351 अन्य सब सिस्टम्स और कम्पोनेंट की सूची जारी की है, जिनके आयात की अनुमति नहीं होगी. रक्षा उत्पादन क्षेत्र में भारत को ‘आत्मनिर्भर’ बनाने के लिए और डिफेंस पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग्स (डीपीएसयू) के आयात में कमी लाने के लिए रक्षा मंत्रालय ने सब सिस्टम्स और कम्पोनेंट्स की एक सूची जारी की है. रक्षा मंत्रालय स्वदेशी उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए इस तरह की दो लिस्ट को पहले ही अधिसूचित कर चुका है.
मंत्रालय के अनुसार 351 उपकरणों में से 172 वस्तुओं के पहले सेट पर अगले साल दिसंबर से प्रतिबंध लागू कर दिया जाएगा. 89 उपकरणों के दूसरे सेट पर प्रतिबंध दिसंबर 2023 तक लागू किए जाएंगे. वहीं, 90 उपकरणों के तीसरे सेट के आयात पर दिसंबर 2024 तक प्रतिबंध लगा दिया जाएगा.
रक्षा मंत्रालय ने 2,500 वस्तुओं की एक सूची भी जारी की है, जिनका उत्पादन देश में ही किया जा रहा है. रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि अगले तीन वर्षों में आयात होने वाले इन 351 आइटम का देश में निर्माण शुरू हो जाएगा.
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, “आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ने के साथ ही इस पहल से हर साल 3,000 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा की बचत होगी.” नई सूची सोमवार को अधिसूचित कर दी गई. मंत्रालय ने कहा कि सूची में शामिल आइटम्स की खरीद अनुमानित समय सीमा के अनुसार ही भारतीय उद्योगों से की जाएगी.
नोटिफिकेशन के अनुसार, 172 साजो-सामान के पहले सेट के आयात पर प्रतिबंध अगले साल दिसंबर तक लागू हो जाएगा, जबकि 89 घटकों के दूसरे बैच के आयात पर बैन दिसंबर 2023 तक लागू होंगे. यही नहीं 90 वस्तुओं के एक और सेट के आयात पर प्रतिबंध दिसंबर 2024 तक लागू होंगे.
इन आइटम्स में लेजर वार्निंग सेंसर, हाई प्रेशर चेक वाल्व, हाई प्रेशर ग्लोब वाल्व, ड्रेनेज इंट्रुशन डिटेक्शन सिस्टम, कई तरह के केबिल, शॉकेट और वोल्टेज कंट्रोल ऑसिलेटर शामिल हैं.