नई दिल्ली. आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक अमानतुल्लाह खान की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार को आम आदमी पार्टी विधायक अमानतुल्ला खान की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उनके खिलाफ ‘इतिहास पत्रक’ खोलने के बाद उन्हें ‘खराब चरित्र’ के रूप में सूचीबद्ध करने के दिल्ली पुलिस के फैसले को चुनौती दी गई थी. हालांकि, न्यायमूर्ति सुधीर कुमार जैन ने खान को प्रतिनिधित्व के साथ दिल्ली पुलिस से संपर्क करने की छूट दी.
न्यायालय में दिल्ली पुलिस की ओर से उपस्थित वकील ने कहा कि पुलिस द्वारा विवरण लीक नहीं किया गया था. कहा, “वह एक राजनीतिक व्यक्ति हैं. हो सकता है कि उन्होंने इसे खुद लीक किया हो. हमने कुछ भी लीक नहीं किया है. उनके खिलाफ 16 प्राथमिकी दर्ज हैं.”
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उधर, दूसरी ओर दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को अमानतुल्लाह खान और 24 अन्य के खिलाफ मई 2022 में दक्षिण दिल्ली नगर निगम द्वारा चलाए जा रहे विध्वंस अभियान का विरोध करते हुए दंगा और पुलिस कर्मियों पर पथराव के मामले में आरोप तय करने का आदेश दिया.
न्यायालय आरोपियों के खिलाफ दंगा, दंगा भड़काने के इरादे से उकसाना, लोक सेवक को उसके सार्वजनिक कार्यों के निर्वहन में बाधा डालना, हमला या आपराधिक बल, एवं स्वेच्छा से लोक सेवक को डराने के लिए चोट पहुंचाने के आरोपों के तहत मुकदमा चलाने के निर्देश दिए हैं.
न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि अभियोजन पक्ष द्वारा रिकॉर्ड पर रखे गए दस्तावेज, आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 195 के तहत दायर की गई शिकायत, घायल पुलिस कर्मियों के एमएलसी, बयान, मामले की जब्त संपत्ति आदि के आधार पर प्रथम दृष्ट्या आरोप प्रमाणित हो रहे हैं.
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हरजीत सिंह जसपाल की अदालत ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त साक्ष्य मौजूद हैं.
न्यायालय ने आठ आरोपियों को आरोमुक्त भी किया है. इन आरोपियेां के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए साक्ष्य नहीं मिले हैं.