नई दिल्ली. दिल्ली दंगों के तथ्यों पर आधारित पुस्तक ‘Delhi Riots 2020 : The Untold Story’ को प्रकाशन से पूर्व ही मिले समर्थन ने लिबरल गिरोह के होश उड़ा दिए होंगे. पुस्तक का प्रकाशन रुकवाने के लिए ब्लूम्सबरी पर दबाव बनाने वाले गिरोह ने सोचा भी नहीं होगा कि पुस्तक का विरोध कर वे सेल्फ गोल कर बैठेंगे. जिस पुस्तक को ये प्रकाशित भी नहीं करने देना चाहते थे, वही पुस्तक उनके विरोध के कारण पाठकों के आकर्षण का केंद्र बन गई. केवल 24 घंटे के भीतर पुस्तक की 15 हजार से अधिक प्रतियां बुक हो गई हैं. आलम यह रहा कि पुस्तक प्रकाशित करने वाले संस्थान गरुड़ प्रकाशन की वेबसाइट ही क्रैश हो गई.
ट्विटर पर मिल रही धमकियों और वामपंथी लिबरल गिरोह के दबाव के बाद ब्लूम्सबरी इंडिया ने अंतिम समय में पुस्तक का प्रकाशन करने से इंकार कर दिया था. इसके बाद गरुड़ प्रकाशन आगे आया और उसने हिन्दी और अंग्रेजी में पुस्तक छापने की घोषणा की.
गरुड़ प्रकाशन के संक्रात सानू ने सोमवार को ट्वीट कर बताया कि किताब को छापने का फैसला किए कुछ ही घंटे हुए हैं और इतने आर्डर मिले कि हमारी वेबसाइट क्रैश हो गई.
वहीं, पुस्तक की लेखिका और सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता मोनिका अरोड़ा ने कहा कि ब्लूम्सबरी के खिलाफ सख्त कदम उठाएंगीं. पुस्तक की दोनों सह-लेखिकाओं सोनाली चितलकर और प्रेरणा मल्होत्रा से चर्चा कर रही हैं.
पुस्तक को अचानक मिली लोकप्रियता पर मोनिका अरोड़ा ने कहा कि हम सच को लेकर आगे बढ़ रहे थे. सत्य कभी दबता नहीं, थमता नहीं है. देखिए, कुछ घंटों में ही 15 हजार कॉपियां पाठकों ने बुक कर ली हैं. अब हम देखेंगे कि गैंग के लोग खामोश हैं. उन्होंने भी ट्वीट किया, ‘रोक सको तो रोक लो…’
हिन्दी व अंग्रेजी पुस्तक को मिले पाठकों के रिस्पांस को देखते हुए अन्य भारतीय भाषाओं के प्रकाशक भी सामने आने लगे हैं. तमिल में भी पुस्तक जल्द प्रकाशित होगी. फुट प्रिंट पब्लिकेशन तमिल मे पुस्तक के प्रकाशन के लिए आगे आया है. संभावना है कि जल्द ही अन्य भाषाओं के प्रकाशक भी पुस्तक के प्रसाशन के लिए सामने आएंगे.