नई दिल्ली. दिल्ली उच्च न्यायालय ने राजधानी में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को लेकर दिल्ली सरकार पर तल्ख टिप्पणी की. न्यायालय ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि दिल्ली जल्द ही देश की कोरोना राजधानी बन जाएगी. न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने कहा कि दिल्ली सरकार महामारी के मामले में पूरी तरह से ‘गलत’ रास्ते पर चली गई है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पीठ ने कहा कि आप सरकार ने नागरिकों के स्वास्थ्य का मजाक बनाकर रख दिया है और इस मामले से अलग से निपटा जाएगा. न्यायालय ने कहा कि दिल्ली सरकार ने टेस्टिंग के मामले में पहले नंबर पर आने के कई दावे किए हैं, लेकिन मामलों की संख्या यहां सबसे अधिक है.
न्यायालय ने कहा कि दिल्ली सरकार नागरिकों के स्वास्थ्य को हल्के में ले रही है और इस मामले को अलग से देखा जाएगा. सबसे अधिक जांच करने सहित कई दावे किए हैं, लेकिन कोविड-19 मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. शहर जल्द ही देश की कोरोना राजधानी बन सकता है.
न्यायालय ने यह टिप्पणी उत्तरी दिल्ली नगर निगम के डॉक्टरों, पैरा मेडिकल स्टाफ, सफाई कर्मचारियों, शिक्षकों, सेवानिवृत्त इंजीनियरों एवं अन्य कर्मचारियों के बकाया वेतन का भुगतान नहीं करने को लेकर दायर की गईं याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान की.
राजधानी में बुधवार को कोरोना वायरस संक्रमण के एक दिन में सर्वाधिक 6,842 नए मामले सामने आने के बाद संक्रमितों का कुल आंकड़ा 4.09 लाख हो गया. दिल्ली में पहली बार कोविड-19 के 6,800 से अधिक नए मामले सामने आए हैं. मंगलवार को दिल्ली में संक्रमण के 6,725 नए मामले सामने आए थे. दिल्ली सरकार द्वारा जारी नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, राजधानी में संक्रमण के कारण 51 अन्य मरीजों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 6,703 हो गई. दिल्ली में गुरुवार को 6715 मामले सामने आए, जिससे राजधानी में संक्रमण की दर बढ़कर करीब 13 फीसदी हो गई.
पिछले 10 दिन में आए 50 हजार केस
कोरोना संक्रमण के बिगड़ती स्थिति को लेकर अगर दिल्ली की करें तो हालात पिछले 10 दिन में खराब हुए हैं. औसत पांच हजार मामलों के हिसाब से सिर्फ 10 दिन में 50 हजार केस सामने आए हैं. इसे लेकर दिल्ली सरकार अलग कार्ययोजना पर काम कर रही है. न्यायालय ने कहा कि अगर हालात ऐसे ही रहे तो दिल्ली बहुत जल्द कोरोना कैपिटल बन जाएगी.