जयपुर (विसंकें). पाकिस्तान में मुस्लिमों के अत्याचारों से प्रताड़ित होकर भारत आए विस्थापितों के चेहरे पर अपार खुशी व सुकून देखने को मिला, जब जिला कलेक्टर ने उन्हें भारतीय गणतंत्र की नागरिकता के प्रमाण पत्र सौंपे. नागरिकता मिलने की खुशी में विस्थापित परिवारों ने भारत माता की जय और वंदेमातरम के जयघोष लगाए. जयपुर जिला कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा ने 7 पाक विस्थापितों के जीवन का सबसे बड़ा सपना पूरा करते हुए नागरिकता के प्रमाणपत्र सौंपे.
विस्थापित परिवारों ने खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें कई सालों बाद भारत का नागरिक होने का सौभाग्य हासिल हुआ है. इनमें से कई लोग करीब २० वर्षों से भारत की नागरिकता के इंतजार में विस्थापित जीवन व्यतीत कर रहे थे. विस्थापित कल्याण, रोशन कुमार, सुगना देवी, अनीता देवी, शबरीन, सिकन्दर कुमार और मोहनी को भारतीय नागरिकता का प्रमाण पत्र मिलते ही इनकी आंखें भर आईं, लोगों ने आपस में मिठाइयां खिलाकर खुशी मनाई.
जिला कलेक्टर नेहरा ने कहा कि पाक विस्थापितों को भारत की नागरिकता प्रदान किया जाना सुखद अनुभव है क्योंकि ये लोग पाकिस्तान से विस्थापित होने के बाद वर्षों से यहां अधूरी पहचान के साथ रह रहे थे. सरकारी नौकरियों, योजनाओं, विभिन्न उपक्रमों में उनको समस्याएं आती थीं. लेकिन अब नई पहचान से उन्हें ये समस्याएं नहीं रहेंगी. कलेक्टर ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि आप एक जिम्मेदार भारतीय नागरिक बनें और भारत के विकास में अपना सहयोग दें.
प्रमाण पत्र प्राप्त कर भारतीय नागरिक बन चुके सिकन्दर कुमार ने बताया कि वे पाकिस्तान के रोहिंग्या जिले के निवासी थे, लेकिन परिवार और रिश्तेदार जयपुर में होने के कारण 20 साल पहले यहां आकर बस गए. वे स्वयं का रोजगार भी करने लगे, किन्तु भारतीय नागरिक नहीं होने के कारण सरकारी योजनाओं का लाभ लेने में परेशानी होती थी. अब भारतीय नागरिक होने का प्रमाण पत्र मिलने से हम सरकारी योजनाओं का लाभ भी ले सकेंगे. भारतीय नागरिक बनने पर गर्व है.