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दिव्यांगजनों ने निधि समर्पित कर कहा – “राम काज लगि तव अवतारा”

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काशी. “राम काज लगि तव अवतारा” यह कहना था काशी में निधि समर्पित करने वाले दिव्यांगजनों का. श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर निधि समर्पण अभियान में जिस प्रकार लोग आगे आकर अपनी आस्था अनुसार समर्पण व सहयोग कर रहे हैं. गिलहरी की भांति राम काज में सहयोग का अवसर गंवाना नहीं चाहते. श्रीराम मन्दिर के लिए सहयोग करने का अवसर मिल रहा है, यह सुनहरा अवसर हम खोना नहीं चाहते.

रविवार को पाण्डेयपुर के श्री हनुमान मन्दिर प्रागंण में दिव्यांगजनों ने भी निधि समर्पण किया. दिव्यांगजन के लिए कार्य करने वाली संस्था जीवन ज्योति दिव्यांग कल्याण समाज सेवा समिति के सदस्यों ने कहा कि यह जन्म राम काज के लिए मिला है. संस्था के अध्यक्ष सुखदेव प्रसाद ने बताया कि पिछले कई दिनों से चल रहे अभियान को देखकर हमने भी निश्चित किया कि श्रीराम मंदिर में हम दिव्यांगजनों द्वारा भी सहयोग किया जाना चाहिए. संस्था के सदस्य सत्यप्रकाश मालवीय ने कहा कि बड़े भाग्य से हमें यह मानव जीवन मिलता है और इस जीवन में श्रीराम के लिए काम करने का अवसर मिला है तो हम इसे व्यर्थ नहीं जाने देना चाहते.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के गौरीशंकर जी ने दिव्यांगजनों को शुभकामना देते हुए कहा कि जो राम पूरे संसार के पालनकर्ता हैं, आज उस श्रीराम के भव्य मन्दिर निर्माण के लिए देव के अंग दिव्यांगजन स्वयं आगे आए हैं, यह दृश्य हर्षित करने वाला है.

 

‘शरीर से अक्षम हूं, पर मन से नहीं’

बांसवाड़ा, पिपलोद…

श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण निधि समर्पण अभियान में कार्यकर्ता लगे है, तथा जनसामान्य भी मुक्त हस्त से समर्पण कर रहे हैं. वही वागड़ अंचल के गोपाल पटेल एक ऐसे कार्यकर्ता हैं, जिनके जन्म से ही दोनों पैरों में दिव्यांगता है. पर, श्रीराम के प्रति उनके मन के भाव दृढ़ संकल्प के समर्पण से पूर्ण हैं. वह सुबह से देर रात तक अभियान का नेतृत्व करते हुए निधि संग्रह टोलियों के साथ रहकर समर्पण करवा रहा हैं. उनकी प्रेरणा से उसके परिजनों गौतम भाई ने 11000/-, परबतेगजी ने 10150/- रु., भरत व गोपाल ने 1100-1100/- रु. का, तथा गोपाल स्वयं ने 2100/-रु. का समर्पण किया.

गोपाल सुबह 7:00 बजे से ही सक्रिय होकर सभी टोलियों को फोन करके मंदिर परिसर पर बुलाकर अपने-अपने क्षेत्र के लिये रवाना कर स्वयं भी ‘ट्राई साइकिल’ से निकल पड़ता है. गोपाल पटेल के उत्साह को देखकर लोग भी अपेक्षा से अधिक राशि का समर्पण कर रहे हैं. उनका कहना है कि शरीर से अक्षम हूं, पर मन से नहीं.

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