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समस्या और चुनौतियों से डरना नहीं है, अपितु मानवता को समाधान की ओर ले जाना है – दत्तात्रेय होसबाले जी

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हमीरपुर, हिमाचल प्रदेश. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले जी ने आज हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर में संघ शिक्षा वर्ग प्रथम वर्ष (सामान्य) के समारोप कार्यक्रम में स्वयंसेवकों को सम्बोधित किया. संघ शिक्षा वर्ग समापन समारोह की अध्यक्षता सेवानिवृत ब्रिगेडियर अजय कुमार शर्मा ने की.

ठाकुर रामसिंह स्मृति न्यास टिप्पर हमीरपुर में आयोजित 20 दिवसीय संघ शिक्षा वर्ग प्रथम वर्ष (सामान्य) के समापन कार्यक्रम में मुख्य वक्ता दत्तात्रेय होसबाले जी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का प्रशिक्षण स्वयंसेवक के व्यक्तिगत, सामाजिक और कौटुम्बिक जीवन में अभूतपूर्व परिवर्तन करने के लिए आयोजित किया जाता है. बालक परिवार के संस्कारों के साथ-साथ गुरूकुल में प्राप्त संस्कारों में समाजसेवी संस्कार पाता है. अच्छे संस्कारों को प्राप्त कर जीवन में एक जागरूक नागरिक बनकर समाज में आगे बढ़ता है. व्यक्तिगत और सामाजिक लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ता है. संघ एक विशिष्ट पद्धति को आगे रखता है. संघ के बारे में अब देश दुनिया भी जान रही है. विश्व की राष्ट्र मालिका में वैभव संपन्न राष्ट्र बनाने के लिए संघ अपने स्वीकृत लक्ष्य को पुरूषार्थ और वैचारिक अधिष्ठान के आधार पर समाज को जागरूक नागरिक देने का कार्य कर रहा है. स्वामी विवेकानंद ने कहा था – Man With Strong Backbone. स्वामी विवेकानंद जी ने युवकों का आह्वान किया था कि वे शारीरिक शक्ति को बढ़ाकर देश को आगे बढ़ाने का काम करें. नचिकेता सरीखे बालक से सीख लें जो अपने लक्ष्य को नहीं छोड़ता है. हमें संगठित समाज चाहिए, जब समाज संगठित होता है तो उसमें समरसता और समता आती है. डॉ. हेडगेवार ने विभिन्न राजनीतिक नेताओं के साथ काम कर अनुभव किया कि जब तक समाज का संगठन नहीं किया जाता, तब तक स्वार्थ और सत्तालोलुपता बनी रहेगी. भारत को समस्या और चुनौतियों से डरना नहीं है. दुःखों से त्रस्त और कराह रही मानवता को समाधान की ओर ले जाना है.

समाज के हर वर्ग की सहभागिता और सहयोग से भारत विश्वगुरु बनेगा. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ समाज को जागरूक करने में अहम भूमिका निभा रहा है. आज धर्मान्तरण करवाने के लिए अनेकों देशी, विदेशी शक्तियां सक्रिय हैं, जिनको देश की संगठित शक्ति से ही इस चुनौती से निपट सकते हैं. देश के लोगों के परिश्रम, प्रतिभा के विकास और पुरुषार्थ से संगठित भारत एक दिन विश्वगुरू बन सकता है. भारत का युवा देश के निर्माण में अपनी सहभागिता करना चाहता है और संघ उनको कर्तव्य की प्रेरणा दे रहा है.

यह परंपरा कार्यकर्ता के निर्माण की प्रक्रिया है जो मानव व्यक्तित्व के विकास के लिए आवश्यक है. संघ सभी समाज को जोड़ते हुए एक राष्ट्रीय अभियान है. संगठन की आवश्यकता के बारे में कहा कि समाज में सामर्थ्य संगठन से ही आता है. डॉ. साहब ने समाज के संगठन की आवश्यकता को जान लिया था, इसलिए देश को निःस्वार्थ भाव से आगे ले जाने वाले स्वयंसेवकों के निर्माण के लिए संघ की शाखाओं को प्रारम्भ किया. यह केवल सिंहासन बदलने की प्रक्रिया मात्र नहीं थी.

संघ शिक्षा वर्ग में 15 से 40 वर्ष के शिक्षार्थियों के लिए संघ शिक्षा वर्ग 08 जनवरी को प्रारम्भ हुआ था. वर्ग में हिमाचल प्रांत के कुल 26 में 25 जिलों के 269 शिक्षार्थियों ने भाग लिया, साथ ही जम्मू कश्मीर से 27, पंजाब से 1 जयपुर से 2 शिक्षार्थियों सहित 299 प्रशिक्षुओं ने प्रशिक्षण प्राप्त किया.

कार्यक्रम के अध्यक्ष ब्रि. अजय शर्मा (से.नि.) ने कहा कि मैं आयोजकों को धन्यवाद देना चाहता हूं. आज का कार्यक्रम देखकर खुशी होती है. अच्छे कार्यक्रम प्रदर्शित कर आपने अच्छी दक्षता हासिल की है. मुझे पूरा यकीन है कि आपने जो 20 दिन का कठोर प्रशिक्षण हासिल किया है, वह आपको अच्छे स्वयंसेवी और जागरूक नागरिक बनने की ओर प्रेरित करेगा. संघ से जैसे-जैसे और नए लोग जुड़ रहे हैं, उससे लगता है कि समाज और देश का भला होगा. कुछ समय से संघ के बारे में व्याप्त भ्रांतियां दूर हो रही हैं, और देश के लिए इसके महत्व को जानने लगे हैं. अंत में वर्गाधिकारी डॉ. पवन कुमार ने आए हुए सभी अतिथियों का धन्यवाद किया. कार्यक्रम में उत्तर क्षेत्र संघचालक डॉ. सीताराम व्यास, क्षेत्र प्रचारक प्रमुख रामेश्वर दास, क्षेत्र प्रचारक बनवीर सिंह व अन्य उपस्थित रहे.

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