नई दिल्ली. भ्रष्टाचार से जुड़े विभिन्न मामलों में प्रवर्तन निदेशालय निरंतर कार्रवाई कर रहा है. धोखाधड़ी से जुड़े तथ्यों का पता लगाने के लिए प्रवर्तन निदेशालय द्वारा लगातार छापेमारी की जा रही है.
इसी क्रम में प्रवर्तन निदेशालय ने मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नियंत्रित करुवन्नूर सहकारी बैंक में कथित 100 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी से जुड़े धन शोधन की जांच के तहत मंगलवार को माकपा विधायक एसी मोईदीन और कुछ अन्य के परिसरों पर छापेमारी की. रिपोर्ट्स के अनुसार, पूर्व मंत्री मोईदीन और उनसे जुड़े लोगों के परिसरों की ‘बेनामी’ संपत्ति का विवरण और सबूत जुटाने के लिए यह छापेमारी की जा रही है.
माकपा के जिला स्तर के नेताओं और बैंक की संचालन समिति के सदस्यों के निर्देश पर गरीब सदस्यों की संपत्ति को उनकी जानकारी के बिना गिरवी रखकर गैर-सदस्य बेनामियों को कथित तौर पर ‘नकद में’ ऋण वितरित किया गया और अभियुक्तों के लाभ के लिए धन शोधन किया गया. संदेह है कि ऐसे कई ‘बेनामी’ ऋण कथित तौर पर मोईदीन के निर्देश पर बांटे गए थे.
उधर, दूसरी ओर से प्रवर्तन निदेशालय की चार टीमों ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल में स्कूल में नौकरी के बदले करोड़ों रुपये के मामले में चार अलग-अलग स्थानों पर 19 घंटे की मैराथन छापेमारी और तलाशी अभियान पूरा किया.
ED द्वारा छापेमारी दोपहर 2 बजे शुरू हुई और आखिरकार मंगलवार सुबह करीब 9 बजे समापन हुआ.
आखिरी छापेमारी दक्षिण कोलकाता में एक कॉर्पोरेट इकाई के कार्यालय पर की गई थी, जिसका मामले के मुख्य आरोपी सुजय कृष्ण भद्र से संबंध था, जिसका वर्तमान में राज्य की राजधानी के एक अस्पताल में उपचार चल रहा है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, छापेमारी टीम ने सबसे ज्यादा कागजी दस्तावेज जब्त किए हैं. ईडी का मानना है कि इन दस्तावेजों की जांच से और भी अहम सुराग मिल सकते हैं. अन्य तीन छापे और तलाशी अभियान दक्षिण 24 परगना के बिष्णुपुर-द्वितीय ब्लॉक में एक अन्य इकाई के कार्यालय और भद्रा व उनके दामाद के आवासों पर मारे गए. ईडी ने हाल ही में कोलकाता की एक PMLA अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था, जहां उसने दावा किया था कि भद्रा ने अपनी बेटी और दामाद के बैंक खातों का उपयोग गलत तरीके से अर्जित आय को हटाने के लिए किया था.