
नई दिल्ली. सोशळ मीडिया प्लेटफॉर्म के मनमाने रवैये को लेकर चर्चा होती रहती है. प्लेटफॉर्म्स पर किसी पोस्ट को डिलीट करने का क्या आधार है, यह समझ से परे है. अब फेसबुक और इंस्टाग्राम ने तो हद ही कर दी है. सरकार के पोस्ट को भी इन प्लेटफार्म से बिना किसी पूछताछ के डिलीट कर दिया जा रहा है.
दैनिक जागरण की रिपोर्ट के अनुसार दो दिन पहले भारत सरकार के पत्र सूचना कार्यालय (पीआइबी) की तरफ से फेसबुक और इंस्टाग्राम पर डाले गए पोस्ट को दोनों प्लेटफार्म से न सिर्फ डिलीट किया गया, बल्कि पीआइबी के एकाउंट को ब्लाक तक करने की धमकी दे दी. पीआइबी की तरफ से वास्तविकता बताने के लिए फेसबुक व इंस्टाग्राम को ई-मेल किया गया, लेकिन उसे भी अनसुना कर दिया गया. रिपोर्ट के अनुसार, आइटी मंत्रालय के हस्तक्षेप से एक दिन बाद पीआइबी के उस पोस्ट को फिर फेसबुक व इंस्टाग्राम प्लेटफार्म पर डाला गया. फेसबुक व इंस्टाग्राम पहले भी पीआइबी के पोस्ट को बिना किसी पूछताछ के डिलीट कर चुके हैं.
जानकारी के अनुसार पीआइबी, मीडिया में चलने वाले समाचारों पर संदेह होने पर उसका फैक्ट चेक करता है. फैक्ट चेक में खबर सही नहीं पाई जाती है तो उसे फेक न्यूज करार देकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर पोस्ट कर दिया जाता है ताकि लोग भ्रमित न हों. ऐसा ही एक समाचार कोरोना वैक्सीन को लेकर चल रहा था. जिसमें फ्रांसीसी नोबल पुरस्कार विजेता के हवाले से यह दावा किया गया था कि वैक्सीन लगवाने वाले लोग दो साल में मर जाते हैं. इस खबर को फैक्ट चेक में गलत पाया गया और गत एक जून को उसे पीआइबी की तरफ से लोगों को जागरूक करने के लिए फेसबुक व इंस्टाग्राम पर पोस्ट कर दिया गया. लेकिन, फेसबुक ने एक जून को पीआइबी को चेतावनी जारी करते हुए उस पोस्ट को हटा दिया. चेतावनी में कहा गया था कि इस प्रकार के पोस्ट दोबारा डालने पर उसके एकाउंट को डिलीट कर दिया जाएगा. प्रतिक्रिया में पीआइबी की तरफ से ई-मेल द्वारा फेसबुक को जवाब दिया गया. लेकिन पीआइबी के ई-मेल का फेसबुक व इंस्टाग्राम पर कोई असर नहीं हुआ.