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किसान उत्पादक संगठन – केंद्र सरकार देगी 15 लाख रु की सहायता

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किसानों को समृद्ध कर भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए केंद्र सरकार हर संभव प्रयास कर रही है. बीते दिनों सरकार ने आत्मनिर्भर भारत के लिए एक विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा की. इस पैकेज के तहत वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कृषि क्षेत्र के विकास के लिए एक लाख करोड़ रुपये दिया है. इसके साथ ही किसानों के लिए किसान उत्पादक संगठन की योजना भी शामिल है.

योजना के माध्यम से जो किसान सिर्फ उत्पादक हुआ करते थे, वे सभी अब कृषि संबंधी अपना कोई भी व्यापार शुरू कर सकते हैं. इसमें एफपीओ उनकी पूरी मदद करेगा. एफपीओ द्वारा किसान अपनी उपज को उचित दाम पर बेच पाएंगे. देशभर के करीब 100 जिलों के हर ब्लॉक में कम से कम 1 एफपीओ जरूर बनाया जाएगा. एफपीओ को सरकार द्वारा क्रेडिट गारंटी पर करीब 2 करोड़ रुपये तक का लोन भी मिल पाएगा. इसके साथ ही संगठन को 15 लाख रुपये तक की इक्विटी ग्रांट भी दी जाएगी. इस योजना के माध्यम से साल 2024 तक करीब 10 हजार एफपीओ बनाए जाएंगे.

पीएम किसान उत्पादक संगठन योजना (FPO)

केंद्र सरकार की पीएम किसान उत्पादक संगठन योजना का मूल – किसानों का एक ऐसा समूह जो किसानों के हित में कार्य करता है और जो कंपनी एक्ट के अंतर्गत पंजीकृत होता है तथा कृषि उत्पादकों को आगे बढ़ाता है. केंद्र सरकार द्वारा 15-15 लाख रु की धनराशि आर्थिक सहायता के रूप में प्रदान की जाएगी. देश के किसानों के इन संगठनों को वही लाभ दिए जाएंगे जो किसी कंपनी को मिलते हैं.

पीएम किसान एफपीओ योजना के अनुसार देश में 10,000 नए उत्पादक संगठन बनेंगे जो कंपनी एक्ट के अंतर्गत पंजीकृत होंगे. योजना के अनुसार केंद्र सरकार की तरफ से संगठन के काम को देखने के बाद 15 लाख रु की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी. केंद्र सरकार के माध्यम से किसान संगठनों को दी जाने वाली धनराशि तीन साल के भीतर प्रदान कर दी जाएगी.

योजना के अनुसार यदि संगठन मैदानी क्षेत्र में काम करता है, तो उसमें कम से कम 300 किसान का जुड़े होना आवश्यक है. इसी तरह यह संगठन पहाड़ी क्षेत्र में काम करता है, तो 100 किसानो का इससे जुड़े होना आवश्यक है, तभी वह इस योजना का लाभ उठाने में सक्षम होंगे.

प्रधानमंत्री किसान उत्पादक संगठन योजना 2021 का उद्देश्य

हम जानते हैं कि देश में अभी भी ऐसे किसान हैं, जो आर्थिक रूप से बहुत कमज़ोर हैं. जिन्हें खेती करने से ज्यादा लाभ नहीं मिल पा रहा है. कोरोना वायरस के कारण किसानों के हालात और भी ज्यादा गंभीर हो गए थे. इसी समस्या को देखते हुए केंद्र सरकार द्वारा पीएम किसान उत्पादक संगठन योजना की शुरुआत की गयी है.

योजना का मुख्य उद्देश्य यह है कि किसान उत्पादक संगठनों को आर्थिक मदद देकर कृषि सेक्टर को आगे बढ़ाया जा सकेगा. योजना के माध्यम से किसानों की आय में वृद्धि और किसानों के हित में कार्य किया जाएगा. छोटे और सीमांत किसानों की संख्या लगभग 86 फीसदी है, जिनके पास देश में 1.1 हेक्टेयर से कम औसत खेती है. इन छोटे, सीमांत और भूमिहीन किसानों को कृषि उत्पादन के दौरान भारी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. इन किसानों को अपनी आर्थिक कमजोरी के कारण अपने उत्पादों की मार्केटिंग की चुनौती का भी सामना करना पड़ता है. एफपीओ के सदस्य संगठन के तहत अपनी गतिविधियों का प्रबंधन कर सकेंगे ताकि प्रौद्योगिकी, निवेश, वित्त और बाजार तक बेहतर पहुंच हो सके और उनकी आजीविका तेजी से बढ़ सके.

योजना का लाभ लेने के लिए शर्तें

अगर आप किसानों के समूह के रूप में कार्य करते हैं तथा अपना एफपीओ बनाना चाहते हैं, तो आपको कुछ शर्तों का अनिवार्य रूप से पूरा करना होगा. किसानों के उत्पादक समूह को आर्थिक सहायता दी जाएगी, इसके साथ ही पंजीकृत किसानों को समय-समय पर वित्तीय सहायता भी प्रदान की जाती है.

मैदानी क्षेत्र में अगर किसान 10 बोर्ड सदस्य बनाते हैं तो एक बोर्ड सदस्य पर कम से कम 30 किसानों के समूह होने चाहिए.

पहाड़ी क्षेत्र में किसानों को योजना का लाभ लेने के लिए कम से कम 100 किसानों का जुड़ा होना  अनिवार्य है. पीएम किसान एफपीओ योजना का लाभ लेने के लिए उत्पादक संगठन को नाबार्ड कंसल्टेंसी रेटिंग की भी जरूरत होगी. आपकी कंपनी के काम के आधार नाबार्ड कंसलटेंसी सर्विसेज द्वारा आपको रेट किया जाएगा. रेटिंग के आधार पर ही आपको लाभ प्रदान किया जाएगा.

कंपनी के बिज़नेस प्लान की जानकारी – इस योजना के तहत लाभ लेने के लिए आपको बिज़नेस प्लान की जानकारी देनी होगी. आपके बिज़नेस प्लान की जांच के बाद यह जाना जाएगा कि इसके द्वारा किसान को कितना लाभ मिल रहा है. यह भी देखा जाएगा कि आप किसानों के हित में कितना कार्य कर रहे हैं और उनके उत्पादों को उचित बाजार उपलब्ध करवा रहे हैं या नहीं.

जिस कंपनी को रजिस्टर्ड करवाया जाएगा, उसकी गवर्नेंस को भी देखा जाएगा. बोर्ड ऑफ डायरेक्टर द्वारा किसानों की बाजार में पहुंच आसान बनाने के लिए क्या काम किया जा रहा है, इसे भी परखा जाएगा.

आवश्यक दस्तावेज

सभी किसानों के पास पहचान के प्रमाण के रूप में वोटर आईडी होना आवश्यक है. किसानों के पास कंपनी पंजीकरण संबंधी सभी दस्तावेज होना जरुरी है. इस योजना के तहत केंद्र सरकार 4496 करोड़ रुपये का निवेश करेगी, जिसके अनुसार संगठन को 15 लाख रुपये नगद सहायता सरकार द्वारा दी जाएगी.

यहां मिलेगी मदद

अगर किसान एफपीओ बनाना चाहते हैं, तो आप राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक, लघु कृषक कृषि व्यापार संघ एवं राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम के कार्यालय में जाकर संपर्क कर सकते हैं. केंद्र सरकार की घोषणा के बाद हरियाणा के मुख्यमन्त्री ने एक हजार नए एफपीओ बनाने का फैसला किया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के शब्दों में – “देश के किसानों की आय बढ़ाने और उन्हें सशक्त करने के लिए दस हजार किसान उत्पादक संगठन बनाने की योजना शुरू की गई है. किसान अब तक उत्पादक ही था और अब वह एफ.पी.ओ के माध्यम से व्यापार भी करेगा.”

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