कानपुर. एनसीपीसीआर (राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग) और राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के बार-बार निर्देशों के बाद मुस्लिम यतीमखाना संचालक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. जिलाधिकारी के निर्देश पर रविवार को जिला प्रोबेशन अधिकारी (डीपीओ) ने जेजे एक्ट (किशोर न्याय अधिनियम) में पंजीकरण के बिना यतीमखाना (अनाथालय) संचालन पर प्राथमिकी दर्ज करवाई है.
रिपोर्ट्स के अनुसार, जेजे एक्ट में पंजीकरण करवाए बिना मुस्लिम यतीमखाना का संचालन किया जा रहा था. जनवरी में अंजुमन यतीमखाना इस्लामिया की ओर से आवेदन तो किया गया, लेकिन प्रक्रिया अभी तक लंबित है. एनसीपीसीआर की ओर से जिलाधिकारी को एक पत्र जारी किया गया था, जिसमें बिना अनुमति संचालन पर प्रबंधन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराते हुए 48 घंटों में रिपोर्ट भेजने को कहा गया था. ऐसा न करने पर आयोग ने व्यक्तिगत समन जारी करने की चेतावनी दी थी.
जिसके पश्चात जिलाधिकारी ने डीपीओ को तत्काल प्राथमिकी दर्ज कराने के निर्देश दिए. डीपीओ ने जेजे एक्ट में पंजीकरण न कराने और एक विशेष धारा का उल्लेख करते हुए संचालक के खिलाफ थाना कर्नलगंज में प्राथमिकी दर्ज करवाई है. प्रशासन की ओर से एनसीपीसीआर को भी कार्रवाई की रिपोर्ट भेजी जा रही है.
मुस्लिम यतीमखाना में रह रहे 42 बच्चों में 29 नाबालिग थे. इन नाबालिगों लड़के और लड़कियों की माताएं हैं. यतीमखाना ने सभी को उनकी माताओं के सुपुर्द कर दिया था.