गाज़ियाबाद. चार साल की बालिका राधिका की भावनाएं अन्य लोगों को भी प्रेरित कर रही हैं. कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान टीवी पर रामायण देखी तो प्रभु श्रीराम की भक्त हो गई. वहीं, अब अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर निर्माण की बात सुनी तो राधिका ने अपनी गुल्लक तोड़कर दादी को पैसे देकर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के नाम चेक बनवाया. समर्पण का यह चेक राधिका ने श्रीराम मंदिर निधि समर्पण अभियान समिति को सौंप दिया है.
राधिका ऑनलाइन क्लास में अपने शिक्षकों और सहपाठियों से भी समर्पण कर प्रभु श्रीराम से जुड़ने का आग्रह कर रही है. राधिका बिश्नोई अपने माता-पिता गीता, अंकित और दादी ललिता बिश्नोई के साथ गाजियाबाद के गोविंदपुरम में रहती है. चार वर्षीय राधिका गुरुकुल द स्कूल में नर्सरी कक्षा की छात्रा है.
कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान राधिका ने परिवार के साथ रामायण देखी. इसी से प्रभु श्रीराम के बारे में बोध हुआ. राम मंदिर निर्माण कार्य शुभारंभ की खबर देखी तो उन्होंने अपनी दादी से अयोध्या के बारे में पूछा. दादी ने प्रभु श्रीराम के बारे में बताया. प्रधानमंत्री ने 05 अगस्त को अयोध्या में निर्माण कार्य का शुभारंभ किया था.
राधिका पिछले करीब आठ माह से गुल्लक में पैसा एकत्र कर रही थी. राधिका ने अपना गुल्लक तोड़ा तो उसमें से 2100 रुपये निकले. राम मंदिर के लिए सिर्फ चेक से योगदान देना था तो उन्होंने अपनी दादी से चेक बनवाया. अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण के लिए संतों के मार्गदर्शन में श्रीराम मंदिर निर्माण निधि समर्पण अभियान प्रारंभ हो रहा है. यह अभियाम माघ पूर्णिमा तक चलेगा.
राधिका का यह सहयोग लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है. राधिका दूसरों को भी जागरूक कर रही है. राधिका ने अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए समर्पण की बात शिक्षकों व सहपाठियों से की. साथ ही शिक्षकों व सहपाठियों से भी अपनी क्षमता के समर्पण करने का आग्रह किया. राधिका जिससे भी मिलती है, राम-राम कहती है. इसके बाद मंदिर के लिए सहयोग करने की अपील भी करती है.