बिलासपुर. श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण निधि समर्पण अभियान देशभर में प्रारंभ हो गया है. देशभर में अभियान श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की योजना के अनुसार संतों के मार्गदर्शन में चल रहा है. जिसमें विश्व हिन्दू परिषद सहित अन्य समविचारी संगठनों के लाखों कार्यकर्ता लगे हैं.
लेकिन लोगों की आस्था से खिलवाड़ कर उन्हें ठगने वाले कुछ लोग भी सक्रिय हो गए हैं. उत्तरप्रदेश में ऐसा एक मामला दर्ज हो चुका है. अब छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में ठगी का मामला सामने आया है. एक महिला ने फर्जी रसीदें छपवाकर मंदिर निर्माण निधि की राशि को अपने खाते में ट्रांसफ़र करवा लिया. मामले की जानकारी जैसे ही निधि समर्पण अभियान समिति को हुई तो महिला के खिलाफ सिविल लाइंस थाने में FIR दर्ज करा दी गई है.
समिति के पदाधिकारियों को कुछ लोगों ने सूचना दी कि पता बिलासपुर में एक महिला उषा आफले भी निधि संग्रह कर रही हैं. उषा का समिति और मंदिर प्रबंधन से कोई संबंध नहीं है. उन्होंने फर्जी रसीद छपवाकर निधि संग्रह करना शुरू कर दिया. कई लोगों से मंदिर में नाम पर चंदा लेकर रुपये अपने खाते में ट्रांसफर करा लिए.
समिति के पदाधिकारियों ने पुलिस को बताया कि निधि संग्रह के लिए वैधानिक रसीद और कूपन प्रत्येक दानदाता को दी जा रही है, लेकिन उषा आफले ने निजी रसीद छपवा कर निजी एकाउंट में रुपये ट्रांसफर करा लिए हैं. उन्हें इसकी जानकारी सोशल मीडिया के माध्यम से मिली. उन्होंने पुलिस से इस संबंध में कार्रवाई की मांग की है. पूछताछ में एक प्रिंटर का नाम भी सामने आया है. जबकि रसीद छापने वाले प्रिंटर ने खुद को इस मामले से अलग कर लिया है.
पुलिस के अनुसार, श्रीराम मंदिर निधि समर्पण अभियान समिति बिलासपुर के अध्यक्ष डॉ. ललित मखीजा को सोशल मीडिया पर पता चला कि श्रीराम मंदिर निर्माण के नाम पर अवैध रूप से धन इकट्ठा किया जा रहा है. महिला ने कथित तौर पर फर्जी रसीदों का इस्तेमाल किया और धन प्राप्त करने के लिए अपना बैंक खाता नंबर दिया. धोखाधड़ी का शिकार कई लोग हुए है.