जयपुर (विसंकें). अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के लिए निधि समर्पण अभियान का शुक्रवार से विधिवत शुभारंभ हुआ. अभियान के पहले दिन राज्य के प्रथम नागरिक राज्यपाल कलराज मिश्र ने अभियान के लिए शुभकामनाओं के साथ 1 लाख 1 हजार रुपये का समर्पण प्रदान किया. महानगर के 7 लाख परिवारों में जाकर 35 लाख व्यक्तियों से संपर्क करेंगे. इसके लिए श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निधि सर्मपण अभियान समिति जयपुर ने 30 जनवरी तक चलने वाले प्रथम चरण में अभियान के लिए 5 -5 सदस्यों की 50 टोलियां बनाई हैं. 31 जनवरी से 15 फरवरी तक दूसरे चरण के लिए 10-10 कार्यकर्ताओं की 3000 टोलियां बनाई हैं. यह रामभक्त परिवारों से घर-घर जाकर संपर्क कर मंदिर निर्माण के लिए निधि संग्रहण करेंगी.
जयपुर महानगर को गालव, मालवीय, मानसरोवर, विद्याघर व सांगानेर और आमेर को अलग जिला मानते हुए संगठन की रचना बनाई गई है. जिससे की महानगर में प्रत्येक रामभक्त परिवार से संपर्क हो सकेगा.
राजभवन से अभियान की शुरूआत
राजभवन में राज्यपाल कलराज मिश्र ने राजस्थान क्षेत्र संघचालक डॉ. रमेश अग्रवाल व विहिप केन्द्रीय मार्गदर्शक मंडल के सदस्य दिनेश चन्द्र, एकल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष बजरंग बागड़ा व विहिप के क्षेत्रीय मंत्री सुरेश उपाध्याय को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के नाम 1 लाख 1 हजार रुपये की राशि का चेक भेंट किया.
भक्तों ने जताया उत्साह
व्यापारी व समाजसेवी एस.के पौद्दार ने परिवार के सदस्यों के साथ मंदिर निर्माण के लिए निधि समर्पण किया. उन्होंने कहा कि हमारी पीढ़ी सौभाग्यशाली है जो 492 साल के लंबे संघर्ष के स्वप्न को अपनी आंखों से साकार होते देख रही है. यह मंदिर, महज मंदिर नहीं हमारी सनातन संस्कृति के पुनर्जागरण का केन्द्र बनेगा.
सब कुछ राम ही का है
ज्योति कुमार माहेश्वरी ने 21 लाख की निधि समर्पित कर कहा कि हम देने वाले कोई भी नहीं हैं, सभी कुछ श्रीराम का है. हमें प्रसन्नता है कि मंदिर निर्माण में हमें भी सहयोग करने का अवसर मिला है. गिलहरी की भांति मंदिर निर्माण में हम भी योगदान दे रहे है.
बच्चों ने सुनाई राम पर कविता
रामभक्तों में श्रद्धा और उत्साह ही है, जिस कारण निधि संग्रहण के लिए आने वाले कार्यकताओं का घर द्वार पर तिलक व मोली बांधकर परिवार के सदस्य स्वागत कर रहे है. जवाहरात व्यवसायी बजरंग बाहेती ने जब 11 लाख रुपये की निधि समर्पित की तो पोते व पोती ने श्रीराम चरित को अपने शब्दों में कविता में अभिव्यक्त किया. व्यवसायी संजय साबू ने 5 लाख 1 हजार रुपये की निधि समर्पित की.