उदयपुर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ चित्तौड़ प्रांत प्रचारक विजयानंद जी ने आह्वान किया कि समाज की सज्जन शक्ति देश की समस्याओं के समाधान के लिए समय दे. हर व्यक्ति देश के लिए दो साल का समय समर्पित करे. यदि एक साथ संभव नहीं है तो नियमित रूप से कुछ समय देश के लिए निकाले. जहां हम रहते हैं, उस गली-मोहल्ले-गांव को समस्यामुक्त करने के लिए स्वयं को अग्रेषित करें.
प्रांत प्रचारक जी बुधवार को नगर निगम प्रांगण में संघ के स्थापना दिवस पर परम्परागत रूप से होने वाले शस्त्र पूजन व पथ संचलन कार्यक्रम में स्वयंसेवकों व गणमान्य समाजजनों को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि संघ कोई संस्था नहीं है, संघ का अपना कुछ नहीं है. संघ समाज का ही अंग है और संघ का कार्य बीते हजार वर्षों में हिन्दू समाज में हुई क्षति को पूरा करने का प्रयास करना है. विजयादशमी पर ही वर्ष 1925 में डॉ. हेडगेवार ने संघ की स्थापना की. वर्ष 2025 संघ का शताब्दी वर्ष होगा. संघ का उद्देश्य संस्कारित व्यक्तित्व का निर्माण करना है. सज्जनशक्ति को संगठित करना है. जब सज्जनशक्ति संगठित होकर देश के लिए समय देगी, तभी हिन्दू केन्द्रित विश्व रचना का निर्माण होगा.
उन्होंने कहा कि यह शक्ति पूजन का पर्व है. पूरे देश में हिन्दू समाज शक्ति स्वरूपा मां की आराधना कर रहा है. भगवान श्रीराम ने भी तब आततायी रावण के अंत के लिए शस्त्र पूजन किया था. अज्ञातवास में जाते समय पाण्डवों ने शमी वृक्ष में अपने शस्त्रों को छिपाया था, अज्ञातवास के बाद विजयादशमी पर उन शस्त्रों को निकाला और उनका पूजन करने के बाद उन्हें धारण किया. विजयादशमी सज्जनशक्ति के सशक्त होने के संकल्प का पर्व है.
हमें अपनी प्राचीनता को समझना होगा. भारतवासी क्या थे, क्या हैं और क्या होंगे, इस पर मंथन करना होगा. भारत दुनिया का प्राचीनतम देश है. जहां हजारों वर्ष पूर्व चल-अचल तत्वों का गहन अध्ययन किया गया और उन्हें धर्मग्रंथों में सारगर्भित रूप से लिख दिया गया. संसार को वस्त्र से परिचय भारतवर्ष ने करवाया, चार वेदों में से एक सामवेद संगीत शास्त्र का प्राचीनतम ग्रंथ है. भारत की कालगणना उसके खगोलीय ज्ञान का साक्ष्य है. यहां के गुरुकुल पठन-पाठन के समृद्ध केन्द्र थे.
उन्होंने कहा कि आज का भारत भी किसी से कम नहीं है. भले ही पिछले हजार वर्षों में भारत संघर्ष के दौर में रहा, लेकिन भारत की प्रतिभा आज भी संसार में लोहा मनवा रही है. सुपर कम्प्यूटर भारत ने बनाया. भारत की सेना सबसे सशक्त है, जिसने विपरीत परिस्थितियों में कारगिल पर विजय प्राप्त की. इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए हमें इस बात पर भी विचार करना होगा कि आगे क्या होगा?
संघ के 5वें सरसंघचालक केसी सुदर्शन ने कहा था कि 2012 के बाद भारत का समय बदलने वाला है. महर्षि अरविंद भी कहते थे कि भारत का विभाजन अप्राकृतिक है, इसे आगे एक होना ही है. भारत का भविष्य उज्जवल है. इसके लिए भारत की सज्जनशक्ति को संगठित और सशक्त होना होगा और देश को समय देने के लिए संकल्पित होना होगा.
पथ संचलन नगर निगम से 10.15 बजे शुरू होकर पुनः नगर निगम प्रांगण में ही सम्पन्न हुआ. संचलन मार्ग में जगह-जगह विभिन्न समाजों, सामाजिक संस्थाओं, व्यापार संगठनों, क्षेत्रवासियों आदि की ओर से देशभक्ति के उद्घोषों व पुष्पवर्षा से स्वागत किया.