प्रशांत पोळ
पूरे विश्व में यदि कोई देश ‘भगवान गणेश’ का देश कहलाने का हकदार होगा, तो वह थायलैंड है, भारत नहीं. जी हां, किसी जमाने का ‘सयाम’. हिन्दू और बौद्ध संस्कृति को बड़ी सहजता के साथ अपने में समेटे हुए यह देश, बड़े गर्व के साथ अपनी हिन्दू परंपरा प्रदर्शित करता है. थायलैंड के राजा, अपने नाम के आगे भगवान श्रीराम का नाम, उपनाम के तौर पर लगाते हैं. इनके वर्तमान राजा का नाम हैं, ‘महा वजिरालोंगकोर्न’, जिसका थाई भाषा में अर्थ होता है, ‘वज्रधारी इंद्र जैसा सभी महाबली देवताओं का वंशज’. पिछले वर्ष अप्रैल में, हिन्दू विधि-विधान से इनका राज्याभिषेक किया गया. इन्हें ‘राम दशम’ कहा जाता है.
थायलैंड में हिन्दू संस्कृति के बीज कुछ हजार वर्ष पुराने हैं. इसलिए स्वाभाविक हैं, कि यहां अनेक प्राचीन हिन्दू मंदिर हैं. स्थानीय भाषा में मंदिर को ‘वाट’ कहते हैं. किन्तु महत्वपूर्ण यह है कि ये देश, भगवान गणेश को बुद्धि के देवता और विघ्नहर्ता के रूप में पूजता है. यहां गणेश को ‘फ्रा फिकानेट’ या ‘फ्रा फिकानेसुआन’ कहते हैं. अपने भारत में जैसे गणेश जी के गीत बजते रहते हैं, वैसे ही थाई भाषा में अनेक गणेश गीत प्रसिद्ध हैं. बीच बैंकॉक मे, ‘सेंट्रल वर्ल्ड शॉपिंग मॉल’ के सामने, बैंकॉक के प्रमुख चौराहे पर, गणेश भगवान का सुंदर मंदिर है. अनेक थाई विद्यार्थी और व्यवसायी यहां नित्य प्रार्थना करते दिखाई देते हैं.
बैंकॉक से सात सौ – आठ सौ किलोमीटर दूरी पर चाचोइंगशाओ (Chachoengsao) प्रदेश में भगवान गणेश के विभिन्न मंदिरों में तीन मंदिर ऐसे हैं, जिनमें गणेश जी की विशाल प्रतिमाएं स्थापित हैं. कितनी विशाल..? तो वाट फ़्रोंग अकात इस मंदिर के गणेश मूर्ति के सामने का चूहा ही किसी आदमी से दो गुना बड़ा है. यहां की गणेश मूर्ति, शायद विश्व की सबसे ऊंची मूर्ति होगी. सिंहासन पर विराजे गणेश भगवान की प्रतिमा की ऊंचाई ४९ मीटर है, तो चौड़ाई १९ मीटर. ‘ख्लोंग ख्वेन गणेश इंटरनेशनल पार्क’ में, खड़ी हुई मुद्रा मे, गणेश जी की प्रतिमा बहुत दूर से दिखाई देती है. इसकी ऊंचाई हैं – ३० मीटर. इस मूर्ति के सिर पर कमल का फूल और उसके बीच में ‘ॐ’ है. इस मूर्ति को कांसे के 854 अलग-अलग हिस्सों से मिलाकर बनाया गया है. ‘वाट सामन रत्तानारम’ इस मंदिर में विश्राम की मुद्रा में, अर्थात् लेटे हुए गणेश जी हैं, जिनकी चौड़ाई २२ मीटर और ऊंचाई १६ मीटर है.
पूरे थायलैंड में, सभी प्रान्तों में, भगवान गणेश जी की दमदार उपस्थिति दिखती है. वहां के निवासी, थाई भाषा में गणेश जी की प्रार्थना करते हैं, थाई भाषा में आरती भी करते हैं. उनकी पूजा विधि में अनेक संस्कृत मंत्र और श्लोक हैं.
जी हां. भगवान गणेश की मनोभाव से उपासना और आराधना करने वाला थायलैंड, सही अर्थों में हिन्दू संस्कृति का, हिन्दू परंपरा का संवाहक है…!