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पीपलांत्री मॉडल देखने पहुंचे जनजाति क्षेत्र के ग्राम विकास कार्यकर्ता

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उदयपुर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ग्राम विकास गतिविधि से जुड़े बांसवाड़ा व डूंगरपुर क्षेत्र के कार्यकर्ताओं ने राजसमंद जिले के पीपलांत्री गांव में विभिन्न कार्यों का अध्ययन किया. प्रशिक्षण कार्यक्रम में कार्यकर्ताओं ने निर्मल गांव के रूप में प्रतिस्थापित पीपलांत्री में शासकीय योजनाओं एवं जनसहभागिता के समन्वयन को बखूबी समझा और सराहा.

प्रशिक्षण दल का नेतृत्व कर रहे भेमई निवासी संघ के सह प्रांत ग्राम विकास प्रमुख गणेश पाटीदार ने बताया कि पीपलांत्री में मुख्य रूप से तीन गतिविधियों ने सभी को प्रभावित किया. पहली कन्याओं की जन्म की प्रसन्नता के साथ सघन पौधारोपण एवं उनके वृक्ष होने तक रक्षा सूत्र बांधने का संकल्प. इस कारण से संपूर्ण गांव में विविध प्रकार के पेड़-पौधों की सघन हरियाली दिखाई देती है. दूसरा कार्य एनिकट ट्रेंच व चेकडैम द्वारा जल संरक्षण का बेहतर प्रबंधन नजर आया. इस कार्य के परिणामस्वरूप अब 50 फीट पर ही मीठा पानी उपलब्ध हो जाता है. इससे पहले यहां कभी जल स्तर काफी नीचे व फ्लोराइड युक्त था. तीसरी इस बात ने प्रभावित किया कि इन दोनों कार्यों के कारण गांव में मिट्टी का कटाव रुका है. ग्रामवासियों ने प्रशिक्षणार्थी कार्यकर्ताओं को बताया कि पहले उनके गांव में बंजर, गोचर भूमि एवं मार्बल खदान के कारण पहाड़ियां नंगी दिखाई देती थी. जगह-जगह मार्बल स्लरी दिखाई देती थी. अब उनके स्थान पर पिछले दस बारह वर्षों के परिश्रम के फलत: हरियाली व लघु जलाशय दिखते हैं. कार्यकर्ताओं ने वहां समरसता भोजन के पश्चात दीनदयाल उपवन में बच्चों के चकरी- झूले से उत्पन्न ऊर्जा का जल चढ़ाने में उपयोग भी देखा.

प्रशिक्षण दल में कुशलगढ़ के भाटमहुडी, बागीदौरा के राखो, गढ़ी के कोटड़ा, सागवाड़ा के भेमई कराड़ा, वमासा व आसपुर के परड़ा सकानि के कार्यकर्ता शामिल थे. प्रशिक्षण के विभिन्न सत्रों में सभी ने अपने-अपने गांव का विस्तृत परिचय एवं गांव में होने वाले प्रयोग एवं उसके द्वारा हो रहे परिवर्तनों के अनुभव को साझा किया. इस अवसर पर संत अमित दास ने आशीर्वचन प्रदान किया. पद्मश्री पूर्व सरपंच श्याम सुंदर पालीवाल ने सभी का अभिनंदन किया.

बांसवाड़ा, डूंगरपुर व सागवाड़ा के ग्राम विकास प्रमुख भरत कुमावत ने बताया कि डूंगरपुर के भेमई एवं बांसवाड़ा के बाटमउड़ी में ग्राम विकास गतिविधि के माध्यम से उल्लेखनीय परिवर्तन हुआ है. सभी ने ग्राम विकास की गतिविधि में कन्याओं की सहभागिता बढ़ाने का संकल्प भी लिया.

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