नई दिल्ली. पाकिस्तान में रहने वाले अल्पसंख्यकों हिन्दू, सिक्ख और ईसाईयों के खिलाफ धार्मिक अत्याचार की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं. इमरान को भारत तो याद आ रहा है, लेकिन अपने देश में अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न पर चुप्पी साधे हैं. उन्हें ये घटनाएं दिखाई नहीं दे रही हैं. धर्म परिवर्तन के लिए बदनाम सिंध प्रांत के मीरपुर खास से एक नाबालिग हिन्दू लड़की मोमल भील का धार्मिक अतिवादियों ने अपहरण कर लिया. बताया जा रहा है कि इस लड़की का जबरन धर्म परिवर्तन कर निकाह करवाने की तैयारी की जा रही है.
पुलिस ने भी नहीं की सहायता
वायस ऑफ पाकिस्तान मॉइनरिटी के अनुसार, 12 साल की मोमल भील का कट्टर इस्लामी अतिवादियों ने घर से अपहरण कर लिया. परिवार वालों ने जब पुलिस को सूचना दी तो पुलिस ने भी कुछ नहीं किया. थक हारकर परिवार अब भगवान भरोसे है क्योंकि इन अतिवादियों के आगे अल्पसंख्यक हिन्दू समुदाय कुछ नहीं कर सकता.
धर्म परिवर्तन के लिए बदनाम है सिंध
अल्पसंख्यकों पर अत्याचार के लिए बदनाम सिंध में यह पहली घटना नहीं है. जून के अंतिम हफ्ते में आई रिपोर्ट के अनुसार, सिंध प्रांत में बड़े स्तर पर हिन्दुओं का धर्म परिवर्तन कराकर उन्हें मुस्लिम बनाए जाने का मामला सामने आया था. सिंध के बादिन में 102 हिन्दुओं को जबरन इस्लाम कबूल कराया गया. टाइम्स नाउ की रिपोर्ट के अनुसार इन लोगों में बच्चे, महिलाएं और पुरुष शामिल थे.
हर साल 1000 से ज्यादा लड़कियों का धर्म परिवर्तन
मानवाधिकार संस्था मूवमेंट फॉर सॉलिडेरिटी एंड पीस (MSP) के अनुसार, पाकिस्तान में हर साल 1000 से ज्यादा ईसाई और हिन्दू महिलाओं या लड़कियों का अपहरण किया जाता है. जिसके बाद उनका धर्म परिवर्तन करवा कर इस्लामिक रीति रिवाज से निकाह करवा दिया जाता है. पीड़ितों में ज्यादातर की उम्र 12 साल से 25 साल के बीच में होती है.